800 बसों की विभाग ने देखी फिटनेस
70 से अधिक बसों को पाया अनफिट
-मानक ताक पर दौड़ रही बसों को विभाग ने जारी किया नोटिस
-ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर पेरेंट्स से वसूल रहे मनमानी फीस
आगरा. स्कूल बसों में नौनिहालों की जान खतरे में है, क्योंकि मानकों को ताक पर रख दौड़ रहे वाहनों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में ऐसे वाहन चालकों को नोटिस जारी किया है. प्राइवेट स्कूलों में फीस के नाम पर पेरेंट्स से मनमानी वसूली की जाती है. अपने बच्चे के भविष्य को ध्यान में रख पेरेंट्स इस मामले में कॉम्प्रोमाइज करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन यहां सवाल फीस का नहीं उनकी जान का है.
सुविधा के नाम पर छलावा
निजी स्कूल संचालक एडमिशन ब्रोशर में स्टूडेंट्स को हर संभव सुविधा का भरोसा दिलाते हैं. इसमें स्टूडेंट्स को ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी शामिल है. इसके एवज में पेरेंट्स से मोटी रकम भी वसूली जाती है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल व बस चालकों की कार्यशैली से उनके नौनिहालों की जान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
बिना मानक के दौड़ रहीं मिनी बस
आरटीओ ने स्कूल बस, मिनी बसों की फिटनेस चेक करने के निर्देश जारी किए थे. इसी क्रम में करीब आठ सौ बसों की फिटनेस परखी गई. विभाग द्वारा 70 से अधिक बसों को अनफिट पाया गया. जहां स्कूल से चलने वाली बसों को चिन्हित किया गया, ताकी स्कूल संचालकों को नाटिस भेजकर इसकी जानकारी दी जा सके. एआरटीओ अनिल कुमार ने बताया कि इस संबंध में मानकों की परवाह नहीं करने वाले वाहन चालकों व स्कूल संचालकों को भी जानकारी भेजी गई है.
अब कैब और ऑटो की बारी
परिवहन विभाग द्वारा अब स्कूल कैब और ऑटो की फिटनेस की जांच की जाएगी. इस संबंध में पेरेंट्स की शिकायतें आ चुकी हैं कि स्कूल कैब में मानक से अधिक बच्चों को ले जाया जा रहा है. मानक के अनुसार एक स्कूल कैब में 12 से 15 बच्चों को बैठाया जा सकता है, लेकिन कैब चालक 20 से अधिक बच्चों को कैब में बैठा रहे हैं.
मिनी बस में फिटनेस के मानक
-अग्निशमन यंत्र
-महिला कं डेक्टर
-प्रशासन और चालक का नंबर
-फर्स्टएड किट
-इमरजेंसी गेट
-इंडीकेटर दोनों ओर
-स्पीड गवरनर
-जीपीआरएस
-यलो कलर के साथ स्कूल वाहन
-ड्राइवर और कंडेक्टर का सत्यापन
-वाहन का रजिट्रेशन
-फिटनेस सर्टीफिकेट
-ड्राइवरी लाइसेंस
मानकों को ताक पर रख चल रहे स्कूली वाहनों पर कार्यवाही की जाएगी. स्कूल कैब और ऑटो की फिटनेस परखी जाएगी.
अनिल कुमार, आरटीओ इनफोर्समेंट