- कुसम्ही के पास ट्रक से हुई बरामदगी

- इंफाल से आगरा ले जा रहे थे कैरियर

GORAKHPUR: शनिवार रात खोराबार एरिया के जगदीशपुर कोनी फोरलेन हाइवे से कस्टम डिपार्टमेंट ने चरस की खेप पकड़ी। यह सूचना सैटर्डे नाइट फ्लैश की गई। कस्टम के अफसरों ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। संडे को प्रेस कांफ्रेंस में मामले का खुलासा किया जाएगा। संडे को कस्टम डिपार्टमेंट के अफसरों ने कोई प्रेस कान्फ्रेंस नहीं की और बताया कि रात में ट्रक के भीतर चरस नहीं मिली, बल्कि 700 किलो गांजा मिला था। मार्केट में इसकी कीमत करीब ख्0 लाख रुपए बताई जा रही है। कस्टम अफसरों की नई जानकारी से लोग चौंक गए। आखिर चरस वाले पैकेट गांजा में कैसे तब्दील हो गए। यह राज किसी के समझ में नहीं आ रहा है। अगर यह मान लिया भी जाए कि गांजा पकड़ा गया है तो सवाल उठता है कि 700 किलो गांजा कौन ले जा रहा था? किसके लिए ले जा रहा था? क्या यह गोरखपुर के लिए थी? ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है। जब आई नेक्स्ट ने मामले की तहकीकात की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

ट्रक की बॉडी में छिपाकर रखे गए थे पैकेट

कस्टम डिपार्टमेंट से जुड़े लखनऊ के अफसरों ने गोरखपुर की टीम को एक सूचना भेजी। बताया कि एक ट्रक जो कि बिहार के रास्ते होकर फोरलेन पर आ रहा है। उसमें चरस की खेप छिपाकर रखी गई है। ट्रक नंबर की सटीक मुखबिरी होने पर कस्टम डिपार्टमेंट की टीम एक्टिव हो गई। जगदीशपुर के पास फोरलेन पर टीम ने ट्रक को रोका। उसमें बैठे तीन लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन अफसरों की मुस्तैदी के आगे उनकी चालाकी फेल हो गई। ट्रक को कब्जे में लेकर ऑफिस पर लाया गया। ट्रक में पीछे माल लादने वाली जगह पर चद्दर हटाया गया तो उसके भीतर बनी केबिन में छिपाकर रखे गए पैकेट बरामद हुए।

कस्टम अफसरों ने बताया करोड़ों की है चरस

पैकेट मिलने के बाद कस्टम अफसरों ने बताया कि करोड़ों की चरस हाथ लगी है। बड़ी कामयाबी से अफसर चहक उठे। रात में ही लखनऊ स्थित डीआरआई टीम को सूचना दी गई। टीम के आने के बाद जांच पड़ताल शुरू कर दी गई। संडे इवनिंग तक जांच पड़ताल चलती रही। इस दौरान जब मीडिया ने मामले की जानकारी लेनी चाही तो अफसर मुकरने लगे। काफी प्रयास के बाद अफसरों ने बताया कि ट्रक की बॉडी में चरस नहीं गांजा छिपाकर रखा गया है।

इंफाल से माल लेकर आगरा जा रहे थे कैरियर

कस्टम कर्मचारियों ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ के आधार पर अगली कार्रवाई की तैयारी चल रही है। कस्टम कर्मचारियों की पूछताछ में पकड़े गए लोगों ने बताया कि इंफाल से माल लादकर कर वे लोग आगरा जा रहा थे। किसके कहने पर किसी सप्लाई देने के लिए माल ले जाया जा रहा था? इसकी जानकारी देने से अफसरों ने इंकार कर दिया। कस्टम से जुड़े एक अफसर ने कहा कि अभी बिजी होने से कोई बात नहीं हो सकती है। उनकी बातों से मामले पर संदेह होने लगा। आखिर ऐसी क्या वजह है कि अफसर मामले का खुलासा करने से बच रहे हैं। अफसरों ने पकड़े गए लोगों के नाम, पता तक बताने से इंकार कर दिया। उन लोगों ने बताया कि सात कुंतल (700 किलो) गांजा, करीब ख्0 लाख रुपए कीमत का बरामद किया गया है।

नेपाल, बिहार के रास्ते चरस-गांजा की तस्करी

चरस और गांजा की तस्करी के लिए गोरखपुर सेफ जोन है। बिहार और नेपाल से आने वाली खेप गोरखपुर के रास्ते पूरे देश में फैल रही है। नेपाल बॉर्डर पर लगी एसएसबी हर महीने चरस की बरामदगी करती है। इस साल ख्0 से अधिक लोगों को अरेस्ट करके एसएसबी करोड़ों की चरस बरामद कर चुकी है। पांच माह पूर्व गोरखपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रेलवे स्टेशन रोड से बिहार के एक युवक को गांजा के साथ पकड़ा था। वह बिहार से गांजा लेकर वह कर्नाटक ले जाने की तैयारी में था। शाहपुर एरिया के गांजा तस्कर राजू से मिलने के चक्कर में कैरियर पकड़ा गया।

बेदम नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच में हुई मर्ज

गोरखपुर पुलिस की नारकोटिक्स सेल बेदम हो गई है। सेल को क्राइम ब्रांच में समाहित कर दिया गया है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नारकोटिक्स सेल में सिर्फ दो कांस्टेबल तैनात है। उनके पास कोई कामकाज नहीं है। लग्जरी व्हीकल से तस्करी करने वाले तस्करों को पकड़ने के लिए दोनों कांस्टेबल साइकिल से उनका पीछा करते हैं। ऐसे में गोरखपुर के रास्ते नशीले पदार्थो की तस्करी बेहद ही आसान काम है। पुलिस की सुस्ती का फायदा उठाकर तस्कर गोरखपुर के रास्ते माल लेकर फरार हो जाते हैं। कभी- कभार मुखबिरी होने पर पुलिस को कामयाबी मिलती है।

ट्रक की बॉडी में छिपाकर रखे गए पैकेट में चरस नहीं गांजा है। करीब सात कुंतल गांजा की कीमत मार्केट में ख्0 लाख रुपए होगी। माल के साथ पकड़े गए तीन लोगों से पूछताछ की जा रही है।

अजय कुमार,

अपर आयुक्त, कस्टम डिपार्टमेंट, गोरखपुर