- सर्राफा मार्केट में पैन कार्ड को लेकर अभी ऊहापोह की स्थिति

- डिस्ट्रिक्ट में अभी 75 फीसदी लोगों के पास नहीं है पैन कार्ड

- पैन कार्ड की अनिवार्यता से नुकसान में जाएगा सर्राफा व्यापार

Meerut : लेन-देन में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख रुपए से अधिक की खरीद-फरोख्त पर पैनकार्ड अनिवार्यता की घोषणा की है। नियम तो लागू नहीं हुआ, लेकिन विरोध में हो-हल्ला जमकर हो रहा है। खासतौर से सर्राफा व्यवसाइयों का कहना है कि हमारा तो बिजनेस ही बैठ जाएगा। खरीदार पैन कार्ड देने को राजी नहीं होंगे। ऐसे में बिक्री का ग्राफ काफी नीचे आ जाएगा। देशभर के सर्राफा व्यवसायी नियम वापसी को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

7भ् फीसदी ने नहीं बनवाया पैन कार्ड

केंद्र सरकार भले ही स्टेप बाई स्टेप पैन कार्ड को मेंडेटरी कर रही हो, लेकिन लोग जागरुक नहीं हैं। आंकड़ों की मानें तो जिले में लगभग 7भ् फीसदी लोगों ने अभी तक कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है। इनमें बड़ी संख्या ग्रामीण तबके, महिलाएं और व्यापारियों की है। यहां तक कि जब तक लोगों को जरूरत न पड़े, वह पैन कार्ड के लिए अप्लाई भी नहीं करते हैं।

इसलिए परेशान हैं सर्राफा व्यापारी

- एक लाख से अधिक खरीद या बिक्री पर पैन डिटेल मेंशन न किया तो लगेगा टैक्स चोरी का आरोप।

- कस्टमर पैन डिटेल देने में नहीं दिखाएगा इंट्रेस्ट, बिक्री होगी प्रभावित।

- ऑफ सीजन में भी शहर में डेली दस से पंद्रह करोड़ के गोल्ड का होता है व्यापार।

- अधिकतर व्यापारी पैन कार्ड का नहीं करते इस्तेमाल।

इसलिए लागू किया जा रहा है नियम

पैन कार्ड की अनिवार्यता के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पर मार्केट एक्सपर्ट डॉ। कुष अग्रवाल कहते हैं कि गवर्नमेंट चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा पैसा बैंक में रखा जाए। कालेधन पर रोक लगाकर लेनदेन में ट्रांसपेरेंसी लागू की जाए। केंद्र सरकार को जनधन योजना और मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के लिए धन की आवश्यकता है, जो इसी तरह से आएगा। हालांकि नियम को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए गवर्नमेंट पैन कार्ड की अनिवार्यता लागू करने में देर कर रही है।

सस्ते के चक्कर में बेवकूफ न बन जाना

इसी तरह बजट में सर्विस टैक्स बढ़ाए जाने की भी घोषणा की गई है। विरोध के चलते इसे भी अभी लागू नहीं किया गया है। टैक्स की सीमा क्ख्.फ्म् फीसदी से बढ़कर वैट समेत क्म् फीसदी हो गई तो ज्वैलरी खरीद में पब्लिक को चूना लगना तय है। मार्केट सोर्सेज बताते हैं कि ऐसे में पब्लिक को होशियार रहना होगा। सस्ती ज्वैलरी खरीदने के चक्कर में उन्हें मिलावटी सोना मिल सकता है। क्योंकि, ज्वैलर्स अपना मेकिंग चार्जेस बचाने के लिए ज्वैलरी की शुद्धता से समझौता करने से जरा भी नहीं चूकेंगे।

क्या है पैन कार्ड

परमानेंट एकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया अल्फा न्यूमेरिक नंबर युक्त फोटो पहचान पत्र है। आयकर के समुचित प्रबंधन के साथ पैन कार्ड टैक्स की चोरी, ब्लैकमनी पर नियंत्रण लगाने के लिए सबसे असरदार हथियार साबित हुआ है। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय पैन नंबर देना जरूरी होता है।

यहां होता है पैन का अनिवार्य उपयोग

- आयकर रिटर्न।

- शेयरों की खरीद-फरोख्त व डीमैट खाता खुलवाने के लिए।

- बैंक के एक से दूसरे खाते में पचास हजार रुपए या उससे अधिक की राशि निकालने व जमा, हस्तांरित करने में।

- टीडीएस जमा करने व वापस पाने के लिए।

- सालाना आमदनी टैक्सेबल है तो पैन लेना अनिवार्य है।

- म्यूचुअल फंड के सभी निवेशकों को अपने पैन का ब्योरा अनिवार्य तौर पर देना होगा।

पैन कार्ड आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

- अच्छी गुणवत्ता वाली दो पासपोर्ट रंगीन फोटो।

- शुल्क के रूप में 90 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट, चेक या कैश।

- व्यक्तिगत पहचान के लिए प्रमाण की छायाप्रति।

- आवासीय पता के लिए प्रमाण की छायाप्रति।

वैसे गवर्नमेंट कई तरह के टैक्स को ले रही है। अब पैन की कार्ड की अनिवार्यता से काफी नुकासान होगा। पब्लिक पैन कार्ड देने से बचेगी। हमने इस बारे में वित्त मंत्री से पहले भी बात की थी। अब दोबारा से बात करेंगे। इसका पूरी तरह से विरोध किया जाएगा।

- सर्वेश सर्राफ, मेंबर, ऑल इंडिया कोर कमेटी

इस बार तो इसे लागू नहीं किया जा रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में काफी मुश्किल होगा। खैर इस बार अक्षय तृतीया को ऐसे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। हम इसका आगे भी विरोध भी करेंगे।

- दिनेश रस्तोगी, महामंत्री, सर्राफा व्यापार एसोसिएशन