आगरा। ताजनगरी मोहब्बत के साथ सैनिकों की वीरता और शौर्यता के लिए भी जानी जाती है। अब तक सुलहकुल नगरी के 78 रणवांकुरे अपनी शहादत दे चुके हैं। गुरुवार को जम्मू के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में आगरा का एक और वीर सपूत शहीद हो गया। कौशल कुमार रावत के शहीद होने पर अब ताजनगरी में शहीदों की संख्या 79 हो गई है। शहीदों की शहादत के बाद भी आगरा के युवा वाशिंदों का जज्बा अब भी कम नहीं है।

सबसे बड़ा आतंकी हमला

गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ आत्मघाती आतंकी हमला सबसे बड़ा हमला है। इसमें 42 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। इसमें 12 जवान यूपी के हैं। अब तक पड़ोसी देश पाक के साथ तीन छद्म युद्ध हो चुके हैं। इसमें 1965 का युद्ध सीधे तौर पर हुआ था। तब आगरा के 9 जवानों ने मातृभूमि पर शहादत दी। इसके बाद 1971 में भारत का पाक के साथ युद्ध हुआ। इसमें आगरा के 13 जवानों ने शहादत दी। इसके बाद 1999 का कारगिल युद्ध हुआ। इसमें जिले के 8 रणवांकुरे देश की खातिर शहीद हो गए।

वर्ष शहीद हुए सैनिकों की संख्या

ऑपरेशन वीसी 1

ऑपरेशन फेलकॉन 1

ऑपरेशन रीनो 1

ऑपरेशन पराक्रम 4

ऑपरेशन रक्षक 27

ऑपरेशन पवन 4

1999 कारगिल वार 8

ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार 1

1971 पाक के खिलाफ युद्ध 13

1965 पाक के खिलाफ युद्ध 9

1962 चीन के खिलाफ युद्ध 8

1957 में 1