--राज्य सरकार ने गठित की फिटमेंट कमेटी, 2 माह में देगी रिपोर्ट

कैबिनेट के अन्य फैसले

दुमका, हजारीबाग, पलामू में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के गठन की स्वीकृति

महाधिवक्ता की नियुक्ति के लिए बनेगी कमेटी

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--कैबिनेट--

--24 मामलों पर लगी कैबिनेट की मुहर

--132 पदों पर एसडीआरएफ में होगी बहाली

--6.78 करोड़ सड़कों को दुरूस्त करने के लिए

--100 सीटवाले 3 मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी

रांची: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान राज्य सरकार के कर्मियों को भी सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। स्टेट कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य कर्मियों के लिए वेतन से जुड़े मसलों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक फिटमेंट कमेटी का गठन कर दिया। इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ देवाशीष गुप्ता होंगे। सदस्य सचिव राजू रंजन राय और सदस्य के रूप में विनोद चंद्र झा को रखा गया है। इस कमेटी की अधिसूचना जल्द ही जारी होगी। इसके दो माह के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद सभी राज्य कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2016 के प्रभाव से बढ़ा हुआ वेतन देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 24 मामलों पर कैबिनेट की मुहर लगी।

कांट्रैक्ट एक्सटेंड

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 27 असिस्टेंट और 84 जूनियर इंजीनियर की कॉन्ट्रैक्ट पर हुई नियुक्ति को दो साल के लिए एक्सटेंड करने का फैसला लिया गया। इन इंजीनियर्स की नियुक्ति रूरल व‌र्क्स डिपार्टमेंट में हुई थी। पथ निर्माण विभाग के सात प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत गढ़वा, हजारीबाग-रांची, दुमका-पाकुड़, बोकारो और धनबाद की कई सड़कों के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए 678 करोड़ 82 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।

एलईडी बल्ब होगा सस्ता

राज्य सरकार ने एलईडी बल्ब पर लगने वाले वैट को घटाने का फैसला किया है। इस बाबत मंगलवार को कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत अब एलईडी बल्ब में केवल 5 प्रतिशत वैट लगेगा। अब तक 14 प्रतिशत वैट लगता था। सरकार के इस फैसले से एलईडी के दाम 9 प्रतिशत कम हो जाएंगे। 100 रुपए के एलईडी की कीमत अब 91 रुपए हो जाएगी।

-कैबिनेट के अन्य फैसले----

राज्य में एसडीआरएफ

बैठक में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक महत्वपूर्ण फैसले पर मुहर लगी। इसके अनुसार राज्य में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के गठन की स्वीकृति दी गयी। जिस प्रकार नेशन लेवल पर एनडीआरएफ होता है, उसी प्रकार राज्य में एसडीआरएफ होगा। यह बिल्कुल एक फौजी यूनिट की तरह काम करेगा। जिस प्रकार सीआरपीएफ में कंपनी होती है, उसी प्रकार एसडीआरएफ में भी यूनिट होगी, जिसमें 25 प्रकार के पद होंगे। सरकार ने फिलहाल 132 पदों पर बहाली की स्वीकृति दी है।

सरकारी वकीलों की नियुक्ति

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत विधि पदाधिकारियों, जैसे महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, सरकारी वकील आदि के नियुक्ति के लिए एक कमेटी के गठन का फैसला लिया गया। इस कमेटी के सदस्य सचिव लॉ सेक्रेट्री होंगे। कमेटी एक पैनल तैयार करेगी, जो अपनी सिफारिश झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सौंपेगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिविल अपील संख्या 3194/2016 में सुनाए गये फैसले आलोक में लिया गया है। अब महाधिवक्ता एवं अपर महाधिवक्ता की नियुक्ति सीधे मुख्यमंत्री या कैबिनेट नहीं कर सकेगी। इसकी मॉनिट्रिंग हाई कोर्ट करेगा।

मेडिकल कॉलेजों को हरी झंडी

कैबिनेट ने दुमका, हजारीबाग और पलामू में मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल खोलने की भी स्वीकृति दे दी। तीनों मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटें होंगी, यानी अब राज्य में एमबीबीएस की अतिरिक्त 300 सीटें होंगी। दुमका में 227 बेड, हजारीबाग में 250 बेड और पलामू में 200 बेड का अस्पताल होगी। इन्हीं अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज भी होंगे। इनके लिए भवन निर्माण की भी स्वीकृति मिल गयी है। कुल 885 करोड़ 42 हजार रुपए खर्च कर तीन अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। इनका निर्माण टर्न-की बेसिस पर झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा कराया जाएगा।