यूपी एसटीएफ द्वारा नोएडा के एक मॉल से अखिलेश सिंह की अरेस्टिंग के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर सिटी लेकर आई पुलिस ने मंडे को फस्र्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजेश कुमार सिंह की कोर्ट में प्रस्तुत किया। पुलिस की ओर से उसे पूछताछ के लिए रिमांड में देने की गुजारिश की गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अखिलेश सिंह को 8 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर देने की मंजूरी दे दी।

Black scorpio में कोर्ट लाया गया
मंडे को सुबह से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि अखिलेश को कोर्ट में पेश किया जाएगा या नहीं। इसके बाद दोपहर में लगभग 2 बजे यह इंफॉर्मेशन मिली कि अखिलेश की पेशी होगी। लगभग तीन बजे आगे पीछे दो पुलिस जिप्सी व बीच में ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो पर अखिलेश सिंह को कोर्ट लाया गया। उसे गाड़ी से काले कपड़े से मुंह ढंक कर नीचे उतारा गया।

Court में हुई पेशी
सबसे पहले उसे फस्र्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजेश कुमार सिंह की कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। यहां सिदगोड़ा पुलिस ने उसे रंगदारी व आम्र्स एक्ट के मामले में कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए कोर्ट से 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में देने की गुजारिश की। उसे सिदगोड़ा थाना कांड संख्या 125/11 में कोर्ट में पेश किया गया था.बाद में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अखिलेश सिंह को 14 के बजाय 8 दिनों की पुलिस रिमांड पर देने की स्वीकृति दे दी। इस संबंध में एसएसपी अखिलेश झा ने बताया कि रिमांड के दौरान अखिलेश सिंह से सभी मामलों में पूछताछ की जाएगी।

इन मामले में की हुई थी पेशी
पिछले 19 दिसंबर को पुलिस ने सिदगोड़ा के कंपनी क्वार्टर से 5 क्रिमिनल्स को अरेस्ट किया था। पुलिस के मुताबिक ये लोग अखिलेश गिरोह के हैैं और रंगदारी को लेकर इनकी सिटी में होटल व्यवसायी के साथ ही अन्य लोगों की हत्या की योजना थी। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सिदगोड़ा में छापेमारी कर धर्मेंद्र प्रधान व शिवशंकर दूबे को अरेस्ट किया। उनकी निशानदेही पर एग्र्रिको के पास रोड नंबर एक स्थित क्वार्टर नंबर 23 से अमरजीत पांडेय व मो। वसीम को अरेस्ट किया गया। इसके बाद मानगो से जसबीर सिंह को पुलिस ने अरेस्ट किया। पुलिस ने इनके पास 9 एमएम की दो पिस्तौल, 10 जिन्दा गोली, 6 मोबाइल फोन व 1.10 लाख की यामहा की एक हाई स्पीड बाइक भी रिकवर की थी। यह बाईक बनारस से चोरी की गई थी और नंबर बदल दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने बनारस से संतोष पांडेय को भी अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद से ही पुलिस अखिलेश सिंह के पीछे पड़ी थी, लेकिन वह बार-बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जा रहा था।

सभी आरोपी हैं jail में
अमरजीत पांडेय गाजीपुर का और मो। वसीम अंसारी सोनभद्र का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक अमरजीत का कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है, जबकि वसीम का भी कहना है कि उसने इससे पहले कोई क्राइम नहीं किया है। इन दोनों को शूटर के रूप में सिटी भेजा गया था। होटल व्यवसायी को मारने की साजिश अखिलेश सिंह, संतोष पांडेय व जेल में बंद लल्लन ने की थी। शूटर का इंतजाम संतोष पांडेय ने किया था, जबकि किसे मारना है, यह अखिलेश सिंह ने तय किया था। एसएसपी कहते हैैं कि अखिलेश गिरोह एक कंपनी की तरह काम करता है। जसवीर को मंथली 7000 रुपए वेतन मिलता है, जबकि धर्मेन्द्र प्रधान को 5000 रुपए। जसबीर ही सारे अकाउंट को भी मेंटेन करता है। अमरजीत पांडेय व मो। वसीम अंसारी को होटल व्यवसायी की हत्या के लिए 50 हजार रुपए की सुपारी दी गई थी। हत्या के बाद दोनों को 25-25 हजार रुपए मिलने थे। इसी कारण दोनों सिटी पहुंचे थे व घटना को अंजाम देकर बाग निकलने की प्लानिंग थी। फिलहाल सभी जेल में हैैं।

रंगदारी के मामले का भी है आरोपी
अखिलेश सिंह को मानगो थाना में दर्ज रंगदारी के एक मामले में फस्र्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अभिमन्यू कुमार की कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में मानगो पुलिस स्टेशन में दिनांक 31 अक्टूबर 2010 को केस नंबर 20/10 दर्ज किया गया है। इस मामले में दिल्ली-असम रोडवेज के मार्केटिंग ऑफिसर शशिकांत सिंह ने मामला दर्ज कराया था। इसमें अखिलेश सिंह के अलावा उसके भाई अमलेश सिंह, सचिन सिंह, करण सिंह को आरोपी बनाया गया था। मामले में अखिलेश के अलावा अन्य सभी पहले से ही जेल में हैैं।

Marketing officer ने दर्ज कराया था मामला
शशिकांत सिंह ने एफआईआर में कहा था कि अखिलेश ने फोन कर रंगदारी की मांग की थी। उसने अपने लोगों को वहां भेजने को कहा था और पुलिस को इंफॉर्म न करने की चेतावनी भी दी थी। इस संबंध में दर्ज मामले के आधार पर पुलिस ने उसे कोर्ट में प्रस्तुत किया व रिमांड के लिए प्रेयर किया था। इस मामले में पुलिस ने अखिलेश को 4 दिनों को पुलिस रिमांड की स्वीकृति दी है।

पुलिस बल की थी तैनाती
अखिलेश की पेशी के वक्त कोर्ट परिसर में काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस दौरान डीएसपी राजकिशोर प्रसाद, कन्हैया उपाध्याय, सिटी डीएसपी आलोक सहित अन्य प्रेजेंट थे।

चेहरे पर नहीं थी कोई शिकन
पेशी के दौरान अखिलेश के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। कोर्ट में भी एडवोकेट्स उससे हाथ मिला रहे थे। पेशी के बाद निकलते समय पुलिस ने उससे बात करने का मौका नहीं दिया, लेकिन जाते-जाते अखिलेश ने इतना कहा कि कोई दिक्कत नहीं है, सब ठीक है।

अखिलेश के खिलाफ प्रमुख मामले
इवनिंग में अपने ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए एसएसपी अखिलेश झा ने बताया कि विभिन्न पुलिस स्टेशन में अखिलेश सिंह के खिलाफ 41 मामले दर्ज हैैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में उसके खिलाफ आरोप पत्र भी समर्पित किया जा चुका है। इस दौरान एसएसपी के साथ एएसपी राजीव रंजन सिंह, डीएसपी आर दयाल, राजकिशोर प्रसाद, कन्हैया उपाध्याय, आलोक समेत अन्य प्रेजेंट थे।
-जेलर उमाशंकर पांडेय मर्डर केस में आजीवन कारावास।
-पुलिस अधिकारी अरविंद सिंह व अरविंद कुमार पर फायरिंग मामले में सजा हो चुकी है।
-घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद क्रिमिनल परमजीत सिंह की हत्या, साकची में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे का मर्डर, बिष्टुपुर में टिस्को के सेफ्टी ऑफिसर जयराम सिंह की हत्या, जुगसलाई में रेलवे ठेकेदार संजय मित्तल पर फायरिंग समेत रंगदारी व अन्य कई मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी।

 

अखिलेश सिंह के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशन में 41 मामले दर्ज हैैं। इनमें जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड व पुलिस वाले पर फायरिंग के मामले में वह कन्विक्टेड है। हम यूपी एसटीएफ के आभारी हैैं। अखिलेश पर घोषित 40 हजार रुपए का इनाम यूपी एसटीएफ को दिया जाएगा।
अखिलेश झा, एसएसपी