जिला अस्पताल में बने वेस्ट यूपी के इकलौते हेपेटाइटिस सेंटर की रिपोर्ट में खुलासा
3 से 4 महीने की वेटिंग मिल रही मरीजों को
2018 में अब तक करीब 54 मरीज एचसीवी वायरस से संक्रमित मिले हैं।
जिला अस्पताल में एमएसएफ संस्था की ओर से क्लीनिक खोला गया है। जिसमें मरीजों का इलाज फ्री किया जाता है।
2100 से अधिक मरीजों की अब तक हो चुकी है स्क्रीनिंग
1100 से ज्यादा वेटिंग में है मरीज
9 जिलों से मरीज आते हैं इलाज के लिए
मेरठ। हेपेटाइटिस- सी तेजी से लोगों का अपना शिकार बना रहा है। चुपके से यह कब लोगों की जिंदगी की शामिल हो गया, इसका खुलासा जांच के बाद ही हो रहा है। जिला अस्पताल में खुले इकलौते हेपेटाइटिस - सी क्लीनिक की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ हैं। जांच के बाद करीब 80 प्रतिशत लोगों में हेपेटाइटिस के लक्षण मिले हैं। हालांकि 9 जिलों से यहां आकर लोग अपना इलाज करा रहे हैं इसलिए स्क्रीनिंग के लिए 3 से 4 महीने की वेटिंग मिल रही है।
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जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक जांच में मिले हेपेटाइटिस के मरीज
साल हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस सी
2012 207 113
2013 199 158
2014 128 85
2015 91 77
2016 97 93
2017 96 91
यह है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस एक तरह का लीवर इन्फेक्शन है। जिससे लीवर में सूजन आ जाती है। हेपेटाइटिस के ए,बी,सी,डी और ई पाँच प्रकार के वायरस होते हैं। बी एवं सी से लोग सबसे ज्यादा ग्रसित हैं।
- हेपेटाइटिस-सी को काला पीलिया भी कहते हैं। यह एक संक्रामक रोग है। यह एचसीवी वायरस की वजह से होता है।
ऐसे फैलता है वायरस
- दूषित सिरींज का उपयोग करना
- दूषित रेजर या टूथब्रश का इस्तेमाल
- पीडि़त गर्भवती महिला से बच्चे को होना
- दूषित रक्तदान, अंगदान या लंबे समय तक डायलिसिस द्वारा मिलना
- दूषित सुई से टैटू बनवाना या एक्यूपंचर करवाना
- इंजेक्शन से नशीली दवाओं का प्रयोग करना।
ये हैं लक्षण
भूख कम लगना, थकान, पेट दर्द, पीलिया, अवसाद, खुजली और फ्लू आदि जैसे लक्षण शामिल हैं।
यह बरतें सावधानी
- शराब का सेवन न करें
- लीवर में वसा न जमा न होने दें
- पानी अधिक मात्रा में लें
- जांच नियमित कराते रहें
- आराम करें और नींद पूरी लें
- कच्चा या अधपका भोजन न करें
- शक्कर और नमक की उच्च मात्रा वाले आहार न लें
हेपेटाइटिस की जांच होने की वजह से अधिक से अधिक से मरीज अब सामने आने लगे हैं। इलाज मिलने से मरीज ठीक भी हो रहे हैं। हमारी कोशिश हैं कि सीएचसी पर भी मरीजों को फ्री इलाज दिया जाए।
डॉॅ। पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल