PATNA राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को संजय गांधी जैविक उद्यान में बच्चों के बीच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन करते हुए श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारा उद्देश्य बिहार से बाल श्रम का समापन कर सभी बच्चों को बिना किसी भेदभाव के एक बेहतर और सुरक्षित बचपन देना है, जहां वो अपनी पूर्ण क्षमता का विकास कर सकें। श्रम

संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों ने हिस्सा लिया।

बच्चों को मिल रहा सहयोग

इस मौके पर श्रम विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस साल विभाग के स्तर से बिहार और इस राज्य के बाहर बाल श्रम में लगे करीब 800 बच्चों को मुक्त कराया गया। इनमें से लगभग 500 बच्चों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार बाल श्रम से मुक्त हर बच्चे को तत्काल 3 हजार रुपए सहायता देती है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से 25 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया जाता है। अब तक 1254 बच्चों को यह राशि दी जा चुकी है।

वाट्सएप नंबर पर दें सूचना

श्रम आयुक्त गोपाल मीणा ने बाल श्रम उन्मूलन के प्रति जागरूकता पर जोर देते हुए कार्यक्रम में कहा कि बाल श्रम से जुड़े कड़े कानूनी प्रावधानों के बावजूद अब भी यह सामाजिक बुराई हमारे बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर रही है। बाल श्रम की शिकायत करने के लिए विभाग ने वाट्सएप नंबर-9471229133 की शुरूआत की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के पेंसिल पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की जा सकती है।

बच्चों की हो रही मॉनीटरिंग

बाल श्रम उन्मूलन के लिए हर जिले में एक प्रखंड या नगर पंचायत को बाल श्रम से मुक्त करने की दिशा में काम हो रहा है। इसके साथ ही चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से मुक्त कराए गए बच्चों की मॉनीट¨रग की जा रही है। कार्यक्रम में संयुक्त श्रम आयुक्त सुजीत कुमार राय, यूनिसेफ बिहार के मंसूर उमर कादरी और शर्मिला राय समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।