- गंगा बैराज के पास केडीए डेवलप कर रहा है लोहिया बॉटनिकल पार्क

- पार्क के आड़े आ रहे 8065 पेड़ों को काटने की वन विभाग ने दी परमीशन

KANPUR: गंगा बैराज के पास डेवलप की गई ग्रीन बेल्ट लोहिया बॉटनिकल पार्क की भेंट चढ़ेगी। बमुश्किल पांच साल पहले लाखों रुपए खर्च कर इस ग्रीन बेल्ट में 8 हजार से अधिक पेड़ लगाए गए थे। जो अब लोहिया बॉटनिकल पार्क बनाने के लिए काट दिए जाएंगे। इन पेड़ों को काटने की केडीए ने पूरी तैयारी कर ली है। पेड़ों को काटने के लिए केडीए ने वन विभाग से एनओसी भी ले ली है।

70.95 करोड़ से लोहिया बॉटनिकल पार्क

गंगा बैराज के एक साइड लगभग 60 एकड़ में केडीए लोहिया बॉटनिकल पार्क डेवलप कर रहा है। केडीए ऑफिसर्स के मुताबिक इस पार्क में वाटर म्यूजियम, फिश पांड एंड पिकनिक, 2500 लोगों की क्षमता का एम्फी थियेटर, 1500 हजार क्षमता वाले 3 मैरिज पार्टी लॉन, ड्राइव इन सिनेमा, 500 चार पहिया वाहनों की पार्किग, फूड स्ट्रीट आदि शामिल हैं। इसकी लागत करीब 70.95 करोड़ बताई जा रही है। करीब 6 महीने पहले इस पार्क को डेवलप करने के लिए केडीए टेंडर भी कर चुका है। कांट्रैक्टर निर्माण कार्य भी शुरू कर चुका है। केडीए आफिसर्स के मुताबिक आगे के निर्माण कार्य में पेड़ रुकावट साबित हो रहे हैं।

55 लाख खर्च कर लगाए थे पेड़

करीब 4 साल पहले केडीए ने ही गंगा बैराज के पास लगभग 25 एकड़ में वन विभाग के जरिए ग्रीन बेल्ट डेवलप कराई थी। वन विभाग ऑफिसर्स के मुताबिक इस ग्रीन बेल्ट में वन विभाग के जरिए ही पेड़ लगवाए गए थे। इन पेड़ों की संख्या 8800 थी। फारेस्ट ऑफिसर रामकुमार ने बताया कि पेड़ लगाने और तीन साल तक रखरखाव के लिए केडीए से लगभग 55 लाख रुपए मिले थे। इसमें नीम, जामुन, कनकचंपा, कनेर, कदम आदि पेड़ लगाए गए थे। इनमें से ज्यादातर पेड़ अब बड़े हो चुके है। ग्रीन बेल्ट का ये हिस्सा अब केडीए के द्वारा डेवलप किए जा रहे लोहिया बॉटनिकल पार्क की जद में आ रहा है। जिसकी वजह से केडीए ने इन पेड़ों को काटने की तैयारी शुरू कर दी है।

वन विभाग से मिली एनओसी

केडीए ने लोहिया बॉटनिकल पार्क के आड़े आ रहे 8065 पेड़ों को काटने के लिए सामाजिक वानिकी विभाग (वन विभाग) से परमीशन मांगी थी। पहले वन विभाग ने इसके लिए करीब 65 लाख रुपए मांगे थे, पर केडीए ने वन विभाग को वर्ष 2015-16 में 28826 पेड़ लगाने का वर्किग प्लान दिया। इसके बाद वन विभाग ने केडीए को अनुमति शुल्क के रूप में 8.06 लाख रुपए जमा करने को कहा। फारेस्ट ऑफिसर रामकुमार के मुताबिक केडीए ने अनुमति शुल्क जमा कर दिया है। उसे पेड़ काटने की एनओसी दे दी गई है।

'केडीए को पेड़ों को काटने की अनुमति इस शर्त पर दी गई, जितने पेड़ कटेंगे उसके दोगुना पेड़ शहर में ही लगाने पड़ेंगे। केडीए ने 28 हजार से अधिक पेड़ लगाने की कार्य योजना भी दी है.'- रामकुमार, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी विभाग