- मोहब्बेवाला वार्ड (90) का मामला

- चार गांवों को मिलाकर बनाया गया था एक वार्ड

- पहले 1300 वोटर थे गांवों में, 850 के नाम गायब

- वोटर्स ने निगम में काटा जमकर हंगामा

देहरादून, चार गांवों को मिलाकर बनाए गए मोहब्बेवाला वार्ड की वोटर लिस्ट से 850 वोटर गायब हो गए। इसे लेकर नगर निगम कार्यालय में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब हुआ है, वे नगर निगम कार्यालय में पहुंच गए और हंगामा करने लगे। निगम कर्मचारियों से इसे लेकर उनकी तीखी नोक-झोंक भी हुई। बाद में मुख्य नगर आयुक्त द्वारा उन्हें वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया गया जिस पर वोटर्स ने हंगामा खत्म किया। हालांकि, इसके बाद भी वे निगम कैंपस में जमे रहे।

1300 मतदाता थे वार्ड में

मतदाताओं से मिली जानकारी के मुताबिक परिसीमन के दौरान चार गांव चन्द्रबनी खालसा, जाली गांव, आसारोड़ी, मोहब्बेवाला को मिलाकर एक वार्ड मोहब्बेवाला बनाया गया था, जिसका वार्ड नंबर 90 है। चारों गांवों में कुल 1300 वोटर पंचायत की लिस्ट में थे। जब निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट जारी हुई तो इसमें से करीब 850 वोटर्स के नाम गायब मिले।

भाजपा पर लगाया आरोप

नगर निगम पहुंचे प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भाजपा ने गोरखाली समाज के वोटरों का नाम लिस्ट से गायब किया है। भाजपा को डर था कि उनके समाज का व्यक्ति उनके खिलाफ मैदान में खड़ा है। उनका कहना है कि यदि जल्द वोटर लिस्ट जारी नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

15 दिन में कार्यवाही का आश्वासन

आसारोड़ी के पूर्व प्रधान रह चुके बलराज मित्तल ने बताया कि मुख्य नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने आश्वासन दिया है कि निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर भेजा जाएगा और पन्द्रह दिन के भीतर समस्या का समाधान किया जाएगा।

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वोटर्स में आक्रोश

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भाजपा सरकार ने साजिश के तहत लिस्ट से वोटरों का नाम गायब किया है। जबकि सर्वे के दौरान बीएलओ की ओर से नाम अंकित किए गए थे। यदि मतदान से पहले लिस्ट को दोबारा से जारी नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

छाया भण्डारी, पूर्व बीडीसी मेंबर

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वोटर लिस्ट से सबसे ज्यादा नाम गोर्खाली समाज के लोगों के गायब किए गए हैं। सरकार को इस बात का डर था कि यदि उनके खिलाफ समाज का कोई व्यक्ति खड़ा हो जाएगा तो इसलिए ये पूरा खेल किया गया।

जया थापा, गोर्खाली शाखा सदस्य

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बीएलओ की ओर से सभी को नाम व आई के आधार पर रजिस्टर में चढ़ाए गए थे, लेकिन नाम सूची में नहीं आए। निर्वाचन आयोग को बीएलओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, और जल्द से जल्द रिवाइज लिस्ट जारी होनी चाहिए।

डीएस भंडारी, अध्यक्ष, गोर्खाली समाज सुधार शाखा

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वोटर लिस्ट से नाम गायब होना छोटी गलती नहीं है। ये लोकतंत्र की धारणा के अनुकूल नहीं है। निर्वाचन आयोग पर भी सवाल खड़े होते हैं। एक वार्ड में कैसे साढे आठ सौ वोटरों के नाम गायब हो सकते यह जांच का विषय है।

ललित बहादुर, मतदाता

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निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर खामियों के बारे में अवगत कराया जाएगा। जो भी आदेश आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी, वैसे चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद लिस्ट में संशोधन की संभावना कम ही है।

विजय कुमार जोगदंडे, मुख्य नगर आयुक्त