RANCHI: एक तरफ रिम्स में करोड़ों की मशीन खरीद कर बर्बाद होने के लिए छोड़ दी गई है। जिससे ना तो मरीजों का इलाज हो रहा है और ना ही एक्सप‌र्ट्स कोई और काम कर पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मेंटेनेंस के अभाव में 90 लाख की मशीन बर्बाद होने को है, वह भी महज तीन लाख रुपए के कारण। जी हां, तीन लाख रुपए के कारण 90 लाख की मशीन का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा रिम्स में काम करने वाले स्टाफ्स के साथ मरीज और उनके परिजन भी झेल रहे हैं। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन मशीन दुरुस्त कराने को लेकर गंभीर नहीं है।

एक्सरे प्लेट में कुछ भी नहीं

रिम्स में हर दिन सैकड़ों मरीज एक्सरे कराने के लिए आते है। जहां डिपार्टमेंट में मरीजों का डिजिटल एक्सरे और सीआर एक्सरे किया जाता है। ऐसे में डिजिटल एक्सरे के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। चूंकि मशीन की खराबी के कारण कई बार एक्सरे में कुछ भी साफ नजर नहीं आता। ऐसे में मरीजों को दोबारा एक्सरे कराने के लिए भेज दिया जाता है। मशीन में खराबी आने की वजह से यह परेशानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

8 साल हुए डीआर मशीन के

8 साल पहले एक्सरे डिपार्टमेंट में 90 लाख रुपए की मशीन खरीदी गई थी। जिसका उद्देश्य रिम्स में आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का था। वहीं इससे कई तरह की जांच भी हो सकती है। इसके लिए मरीजों को ज्यादा पैसे भी नहीं चुकाने पड़ते। इसके बावजूद मशीन का मेंटेनेंस नहीं कराया जा रहा है। मशीन में गड़बड़ी को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों ने कई बार रिम्स प्रबंधन को पत्र भी लिखा। इसके बावजूद आज तक मेंटेनेंस नहीं कराया जा सका। जबकि महज ढाई से तीन लाख रुपए खर्च करने पर यह मशीन पहले की तरह काम करने लगेगी।

वर्जन

हमने सभी विभागों से पुरानी हो चुकी मशीनों के डिटेल मांगी है। जो मशीन 10 साल से अधिक पुरानी हो चुकी है और वह चलने लायक नहीं है। तो ऐसी मशीन को कंडम घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद नई मशीनों की खरीदारी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स