भूकंप आते हैं लेकिन महसूस नहीं होते

माइक्रो और माइनर कैटेगरी के भूकंप रेक्टर स्केल पर प्रति दिन दुनियाभर में 9,000 दर्ज किए जाते हैं. रेक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रेक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते.

इन झटकों से शायद ही पहुंचता है नुकसान

एक अंदाजे के अनुसार, हर साल रेक्टर स्केल पर वेरी लाइट और लाइट कैटेगरी के 55,200 भूकंप दर्ज किए जाते हैं. एक साल में 49,000 वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है. इसी तरह एक साल में 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले 6,200 लाइट कैटेगरी के भूकंप दुनिया भर में रेक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं. हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है.

160 किमी तक मचा देते हैं तबाही

मॉडरेट और स्ट्रांग कैटेगरी के 920 भूकंप एक साल में रेक्टर स्केल पर दर्ज होते हैं. मॉडरेट कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता रेक्टर स्केल पर 5.0 से 5.9 दर्ज की जाती है. ऐसे 800 भूकंप दुनियाभर में रेक्टर स्केल पर एक साल में दर्ज होते हैं. इनसे घटिया बिल्डिंग मैटेरियल से निर्मित भवनों को गंभीर नुकसान पहुंचता है. हालांकि इनका असर बहुत छोटे इलाके पर ही पड़ता है. स्ट्रांग कैटेगरी के भूकंप जिनकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.0 से 6.9 होती है, भारी तबाही होती है. जबरदस्त तीव्रता की वजह से भूकंप के केंद्र से लेकर 160 किमी तक आबादी वाले इलाकों में तबाही फैल जाती है. एक साल ऐसे 120 भूकंप दुनियाभर के रेक्टर स्केल में दर्ज किए जाते हैं.

कुछ 19 बार तो कुछ साल में एक बार आते हैं

मेजर और ग्रेट कैटेगरी के भूकंप दुनियाभर के रेक्टर स्केल पर साल में 19 बार दर्ज किए जाते हैं. मेजर कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता 7.0 से 7.9 होती है. ऐसे भूकंपों की संख्या साल भर में 18 होती है और इनसे काफी बड़े क्षेत्रों में गंभीर तबाही होती है. रेक्टर स्केल पर 8.0 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ग्रेट कैटेगरी में रखे जाते हैं. ऐसे झटकों से कुछ सौ मील तक तबाही ही तबाही पसर जाती है. हालांकि ऐसे भूकंप साल में एक बार ही दर्ज किए जाते हैं.

हजारों मील तक मच जाती है तबाही

रेक्टर स्केल पर 9.0 से 9.9 तीव्रता वाले भूकंप एक्सट्रीम कैटेगरी में आते हैं. इनसे हजारों मील तक तबाही का मंजर पसर जाता है. ऐसे भूकंप के असर से अलग-अलग महाद्वीप तक प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि ऐसे भूकंप दुनियाभर में 20 साल में एक बार ही दर्ज किए जाते हैं.

भगवान न करे ऐसा भूकंप आए

रेक्टर स्केल पर 10.0 या इससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप को एपिक कैटेगरी में रखा गया है. अभी तक इस तरह का भूकंप दर्ज नहीं किया गया है.

Source: earthquakestoday

Interesting News inextlive from Interesting News Desk