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LUCKNOW: गंगा और यमुना नदी में कूड़ा-कचरा न जाए, इसके लिए 11 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी दिन-रात पूरे मेला क्षेत्र की सफाई करेंगे। कुंभ में आने वाले करीब दस करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार फाइबर के 1.22 शौचालयों को स्थापित भी करने जा रही है। यह सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क होगी और श्रद्धालु इसका इस्तेमाल करने के बाद इसमें लगे स्पेशल बटन को दबाकर अपना फीडबैक भी दे सकेंगे। इसका प्रस्ताव मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंजूर किया है। इस पूरी योजना में करीब 922 करोड़ रुपये खर्च किए जाने है।

पूरा मेला क्षेत्र दिखेगा साफ
राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने कुंभ के दौरान गंगा नदी में वेस्ट का एक भी तिनका न जाने देने का संकल्प लिया है। नमामि गंगे परियोजना के मुताबिक इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार की गयी है। इसके लिए बजट में धनराशि का प्रावधान भी किया जा चुका है। केवल किराए पर फाइबर के शौचालय स्थापित करने को 292 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं। राज्य सरकार इसके लिए 161 करोड़ का अपना अंशदान देगी। इसका काम एनएमसीजी को दिया गया है जो अपने कर्मचारियों के जरिए इसका पूरा प्रबंध करेंगे। दिन में एक बार इन शौचालयों में जमा होने वाला पूरा वेस्ट मशीनों के जरिए निकाला जाएगा। इस परियोजना को लेकर कोई भी निर्णय लेने अथवा बदलाव के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

फैक्ट फाइल

- 922 करोड़ रुपये से कुंभ क्षेत्र को बनाया ओडीएफ और कूड़ा मुक्त
- 1,22500 फाइबर के सुपर स्ट्रक्चर कम्युनिटी शौचालयों की होगी स्थापना
- 11400 सफाईकर्मी पूरे मेला क्षेत्र में दिन-रात करेंगे साफ-सफाई का काम
- 75 हजार शौचालयों को राज्य सरकार करेगी स्थापित
- 47500 शौचालय एनएमसीजी की स्थापना एनएमसीजी के जिम्मे

अन्य कैबिनेट फैसले
त्वरित विकास योजना को 1850 करोड़
कैबिनेट ने त्वरित विकास योजना के लिए 1850 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके तहत केवल परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाएगा। इनमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, पॉलीटेक्निक, आईटीआई, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित भवन, जलापूर्ति, जलनिकासी कार्यक्रम से संबंधित कार्य, लघु सिंचाई के कार्यक्रम, वनीकरण कार्यक्रम, विद्युतीकरण, विद्युत वितरण केंद्र, भूमिगत विद्युत आपूर्ति, शहरी क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था, सड़कों का सुधार, पुनर्निमाण, चौड़ीकरण, सेतुओं का निर्माण, ग्रामीण सड़कों का निर्माण, वकीलों के लिए चैंबर, जनसुविधाओं का विकास व सीएम द्वारा चयनित अन्य पूंजीगत कार्य किए जा सकेंगे। इसके लिए कमिश्नर, डीएम, जनप्रतिनिधि प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे जिसका प्रशासनिक अनुमोदन सीएम करेंगे। ध्यान रहे कि इसमें भूमि की कीमत को शामिल नहीं किया जाएगा। कार्य की गुणवत्ता में कमी मिलने पर प्रशासनिक विभाग और कार्यदायी संस्था जिम्मेदार होंगे।

किसानों को धान के ज्यादा समर्थन मूल्य की सौगात

कैबिनेट ने केंद्र सरकार की तर्ज पर धान किसानों को ज्यादा समर्थन मूल्य देने का ऐलान किया है। साथ ही धान खरीद नीति को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य सरकार ने 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसकी खरीद आगामी एक अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक जारी रहेगी। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष के समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति कुंतल को बढ़ाकर 1750 रुपये किया है। साथ ही धान की उतराई, मढ़ाई इत्यादि के लिए किसानों को बीस रुपये कुंतल अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। इसी तरह शर्तें पूरी करने वाले मिलर्स को भी बीस रुपये कुंतल का अतिरिक्त भुगतान होगा।

हैलीपैड व गेस्ट हाउस राज्य संपत्ति को वापस
कैबिनेट ने राजधानी के शहीद पथ स्थित रमाबाई अंबेडकर मैदान के हैलीपैड व अतिथि गृह को राज्य संपत्ति विभाग को वापस देने का निर्णय लिया है। ध्यान रहे कि इसका निर्माण पूर्ववर्ती बसपा सरकार ने कराया था। सपा सरकार में यह संपत्ति नागरिक उड्डयन विभाग को सौंप दी गयी थी जिसका फैसला वर्तमान सरकार ने बदल दिया है।

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