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PATNA: एक समय था जब पटना की सड़कें बहुत ही संकरी थी लेकिन कभी जाम नहीं लगता था। एक समय था जब यह शहर हमेशा दौड़ता था लेकिन आज सुबह से शाम तक रेंगता है। 100-100 फीट की चौड़ी सड़कों पर भी घंटों लंबा जाम लगा रहता है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जाम के लिए कौन है जिम्मेदार? कौन लगाता है जाम? इन सभी सवालों का जवाब ढूंढ़ने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम इंची टेप लेकर सड़कों पर उतरी। पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी अखबार ने सड़क के मुख्य मार्गो को नापने का जिम्मा उठाया। हमारे रिपोर्टर ने शहर के मुख्य मार्गो को इंची टेप से नापा तो जाम लगने के सभी कारण सामने निकलकर आ गए। 100 फीट सड़क पर 70 प्रतिशत कब्जा है, केवल 30 प्रतिशत सड़क ही आपको चलने के लिए दी जा रही है। ऐसे में आप ही बताइए जाम नहीं लगेगा तो क्या होगा। पढि़ए डीजे आई नेक्स्ट की यह स्पेशल रिपोर्ट।

कब्जे में सड़क से फुटपाथ तक

पटना की मुख्य सड़कें सभी नियमों का पालन करते हुए बनाई गई। पहले सड़क है उसके बाद ढके के हुए नाले और फिर फुटपाथ। ढके नाले को पार्किग की जगह के तौर पर डेवलप किया गया है। अतिक्रमणकारियों ने पार्किग की जगह से लेकर फुटपाथ तक लील लिया। अब बची थी सड़क तो उसका भी आधा हिस्सा ठेलों ने अपने कब्जे में ले लिया। ऐसे में बची एक तिहाई सड़क। अब उसी पर पार्किग और आवागमन दोनों हो रहा है।

पटना जंक्शन न्यू मार्केट

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सबसे पहले पटना जंक्शन न्यू मार्केट रोड पर पहुंची। सड़क की हालत देख हर कोई चौंक जाएगा। जब हमारे रिपोर्टर ने इस सड़क की चौड़ाई मापी तो सिर्फ 33 फीट ही निकलकर आई जबकि इसकी आधिकारिक चौड़ाई 97 फीट है। बाकी के 58 फीट सड़क पर कब्जा है। इस पर ठेला लगाकर फल, कपड़ा और फास्ट फूड बेचने वालों ने कब्जा कर लिया है। यह रास्ता पटना जंक्शन की ओर जाता है। इस सड़क से रोजाना लाखों लोग गुजरते हैं। इंक्रोचमेंट की इस स्थिति से आप समझ ही सकते हैं कि पटना की सड़कें जाम के लिए क्यों मशहूर है। एक तरफ से सड़क 45 फीट और दूसरी तरफ से 40 फीट मापी गई। जिसमें बीच में 6 फीट का डिवाइडर भी है।