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- '99 डॉट्स' साफ्टवेयर बताएगा पेशेंट ने दवा ली कि नहीं

- पोर्टल पर पेशेंट के सामने रेड डिस्प्ले होते ही टीम पहुंचेगी उसके घर

sunil.trigunayat

GORAKHPUR: टीबी मुक्त समाज बनाने के लिए तमाम इंतजाम किए जाने के बाद भी इस रोग का प्रकोप कम नहीं हो रहा। वहीं गवर्नमेंट हॉस्पिटल में मुफ्त जांच व दवाएं दिए जाने के बाद भी पेशेंट कई बार ठीक नहीं हो पाते तो कई बार दुबारा इस रोग का शिकार हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि पेशेंट टीबी की दवा की खुराक मिस कर देते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी पेशेंट के लिए एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो बताएगा कि उन्होंने आज दवा खाई की नहीं। यह पता चलते ही स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र की टीम पेशेंट के घर पहुंच जाएगी और दवा नहीं खाने की वजह जानेगी। दवा खत्म होने पर दवा उपलब्ध कराएगी।

जानिए '99 डॉट्स' को

'99 डॉट्स' एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने वाला साफ्टवेयर है। इस पर सभी पेशेंट का डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। साथ ही उसके मोबाइल को रजिस्टर्ड किया जाएगा। पेशेंट को विभाग की ओर से एक बार में 28 दिन की दवा दी जाएगी। टेब्लेट पर एक टोल फ्री नंबर होगा। दवा खाने के बाद पेशेंट अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल करेगा। ऐसा करते ही सॉफ्टवेयर उसका डाटा में दवा खाए जाने की जानकारी एड कर देगा और वहां ग्रीन शो करेगा।

और पहुंच जाएगी टीम

यदि पेशेंट ने किसी दिन टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल नहीं दिया तो साफ्टवेयर में उसके नाम के सामने रेड शो करेगा। ऐसा होते ही मॉनिटरिंग कर रही टीम नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र को अलर्ट करेगी। जिसके तत्काल बाद उस पेशेंट के घर टीम पहुंचेगी। इसके लिए हर ब्लॉक में आशा, दवा सहायक, एसटीएस, एसओटीएस, डीपीएस, डीटीओ और एमओ के एसएमएस की टीम काम कर रही है।

चिह्नित किए जा रहे पेशेंट

99 डॉट्स अभियान के तहत जिले के पेशेंट के साथ ही संभावित पेशेंट के भी आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। संभावित टीबी पशेंट की स्क्रीनिंग की जा रही है। लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना और रात को पसीना जैसे लक्षण वाले लोगों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनकी सीबीनेट मशीन से जांच कराई जाएगी। बीमारी की पुष्टि होने के बाद साफ्टवेयर में उनके मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किए जाएंगे। उन्हें दवा तो दी ही जाएगी, साफ्टवेयर के जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वे दवा खाना मिस न करें।

प्वाइंट्स टू बी नोटेड

- 'डॉट्स 99' के जरिए शहर से लेकर 19 ब्लॉक के पेशेंट की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग।

- हर पेशेंट का मोबाइल नंबर होगा रजिस्टर्ड।

- दवा खाने के बाद पेशेंट टोल फ्री नंबर पर करेगा मिस्ड कॉल।

- मिस्ड कॉल आते ही साफ्टवेयर में पेशेंट के नाम के सामने सिग्नल ग्रीन हो जाएगा।

- मिस्ड कॉल नहीं करने की स्थिति में सिग्नल रेड हो जाएगा।

- सिग्नल रेड होते ही स्वास्थ्य टीम पेशेंट के घर पहुंचेगी।

तीन साल में मिले टीबी के मरीज

वर्ष मरीजों की संख्या

2014 4179

2015 4592

2016 5169

यह है पोर्टल

https://www.99dots.org

वर्जन

टीबी मरीजों को चिह्नित कर उनके रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है। टीम बना दी गई है जो पेशेंट की निगरानी करेगी कि वे दखा खा रहे हैं या नहीं। कोर्स पूरा ले रहे हैं या नहीं।

डॉ। रामेश्वर मिश्रा, क्षय रोग अधिकारी