राशीद किदवई की किताब में खुलासा

पत्रकार-लेखक राशीद किदवई ने अपनी किताब '24 अकबर रोड' के नए संस्करण में लिखा है कि सोनिया गांधी के इस फैसले ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को परेशान कर दिया है. किदवई के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पिछले जन्मदिन (9 दिसंबर 2012) पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस फैसले से अवगत कराया था. इस फैसले को सुनकर सभी सन्न रह गए. घबराए नेताओं ने उनसे राहुल को कार्यभार लेने के लिए आग्रह करने को कहा. इसके बाद पार्टी महासचिव राहुल गांधी को मनाने का प्रयास शुरू हो गया, लेकिन तब राहुल घबरा गए.

मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर राहुल से मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने राहुल से कैबिनेट में शामिल होने या फिर पार्टी में नंबर दो का पद स्वीकार करने के लिए जोर दिया. प्रधानमंत्री ने राहुल से यह कहा कि उनकी महत्वपूर्ण पद लेने की अनिच्छा पार्टी और सरकार दोनों पर बुरा असर डालेगी. तब राहुल पार्टी के लिए काम करने पर सहमत हो गए और उन्हें 19 जनवरी को जयपुर के चिंतन शिविर में उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया.

सोनिया के रिटायरमेंट को लेकर कांग्रेस परेशान

किदवई के अनुसार, राहुल के उपाध्यक्ष पद पर आसीन होने के बावजूद कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी के रिटायरमेंट की समयसीमा नजदीक आने के कारण परेशान हैं. किताब में कहा गया है कि जयपुर शिविर में राहुल की ताजपोशी के समय कई कांग्रेसी नेता नर्वस दिखाई दे रहे थे.

सोनिया एक सहनशील नेता के तौर पर

किताब में एक अनाम कांग्रेस नेता के हवाले से कहा गया है कि राहुल के वास्तविक प्रभाव का पता उनकी नीतियों, योजनाओं व कार्यप्रणाली से चलेगा. सोनिया को एक सहनशील नेता के रूप में देखा जाता है, जो अनुशासन को जबरदस्ती लागू करने से बचती हैं लेकिन विरोधियों पर हमला बोलने में कोई ढिलाई नहीं बरतती हैं.

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