-चार यार लिख रहे सिटी में सफाई की नई इबारत

- इंजीनियर, एमबीए कर चुके युवकों की पहल

- सिटी को साफ-सुथरा बनाने को शुरू किया अभियान

GORAKHPUR: सिटी की गलियों को गंदगी से निजात दिलाने के लिए चार युवकों ने ठानी है। चारों एक-दूसरे के जिगरी दोस्त हैं जो सिटी की तस्वीर बदलने की कोशिश में लग गए हैं। एनवायरमेंट को सेफ रखने के साथ मोहल्लों में साफ-सफाई का इंतजाम करने वाले चार यार रोजाना सुबह आठ बजे के पहले अपनी ड्यूटी पूरी करके चले जाते हैं।

परदेस से लाए आइडिया, यहां कर रहे फॉलो

छात्रसंघ चौराहे पर रहने वाले रुपेश मिश्रा एमबीए कर चुके हैं। वे अपने तीन दोस्तों गोरखनाथ में रहने वाले सिविल इंजीनियर विकास कुमार, संजीव मिश्रा और अभिनव मिश्रा के साथ मिलकर सिटी में अभियान चला रहे हैं। रुपेश का कहना है कि यहां पर जो गंदगी फैलाई जा रही है, उसको लेकर लोग अवेयर नहीं है। जीएमसी की तरफ से भी इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता है कि घरों से निकलने वाला कूड़ा किस तरह का है। घरों से निकलने वाला जैविक और अजैविक कचरा एक साथ फेंका जाता है जिससे एनवायरमेंट में खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन मेट्रो सिटीज में इस तरह का इंतजाम है कि कूड़ा का निस्तारण सही ढंग से किया जाए। रुपेश का कहना है कि पटना घूमने गए तो इस तरह का आइडिया आया।

दो माह के सर्वे के बाद चालू किया काम

सिटी में साफ-सफाई के लिए अलग से अभियान चलाने के लिए रुपेश और उसके साथियों ने होमवर्क किया। चारों ने योजना बनाई तो उनको डर सता रहा था कि लोगों का सपोर्ट मिलेगा कि नहीं। इसकी जानकारी के लिए चारों ने पूरे शहर का सर्वे किया। सर्वे के दौरान उनको बेतियाहाता की पॉश कालोनी से ज्यादा सपोर्ट मिला। वहां की कालोनियों में लोगों ने कचरा बटोरने का ऑफर दिया। एक मई से चारों दोस्तों ने बेतियाहाता मोहल्ले में अपना काम शुरू कर दिया है।

लोगों की मदद से जुटाया सामान

साफ-सफाई के इस अभियान में जुटने के लिए रुपेश को फाइनेंसियल सपोर्ट की जरूरत पड़ी। टीपी नगर में बिजनेस करने वाले बिजनेसमैन ने उनकी मदद की। ठेला, झाड़ू और डस्टबीन खरीदकर बेतियाहाता मोहल्ले में काम शुरू किया। कूड़ा उठाने तथा फेंकने के लिए तीन बेरोजगार युवकों की मदद मांगी। सफाई करने वाले सद्दाम, हमीदुल इस्लाम ओर रबीऊल को अपने साथ जोड़ लिया। उनको सफाई कर्मचारी कहने की बजाय इको फ्रेंडस का नाम दिया है। इको फ्रेंड्स को मजदूरी देने के लिए मोहल्लों वालों से रोजाना एक-एक रुपये की मामूली रकम लेते हैं। टीपी नगर में खाली पड़ी जमीन पर कूड़े का निस्तारण करते हैं।

अंबेश्वरी पैराडाइज के साथ सवा सौ घरों से उठाते हैं कूड़ा

एक मई से कूड़ा उठाने में लगे चारों दोस्तों ने अपने मुहिम में सवा सौ घरों को अभी तक जोड़ा है। बेतियाहाता मोहल्ले के 80 और अंबेश्वरी पैराडाइज के ब्भ् फ्लैट्स से कूड़ा बटोर रहे हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि जीएमसी के भरोसे कचरा घर के सामने पड़ा रहता था। इससे तमाम तरह की प्रॉब्लम होती थी। इनके प्रयास से काफी राहत मिली है।

युवकों का प्रयास सराहनीय है। पढ़े लिखे नौजवानों को इस तरह के अभियान में बढ़चढ़कर भागीदारी निभानी चाहिए।

डीएन सिंह, बेतियाहाता

रोजाना समय से सफाई होने और कूड़ा उठने से कॉलोनी साफ सुथरी नजर आती है। बच्चों को खेलने में प्रॉब्लम नही होती है।

प्रीति त्रिपाठी, हरिहर प्रसाद दूबे मार्ग, बेतियाहाता

जीएमसी के भरोसे कूड़ा फेंकने में प्रॉब्लम होती थी। इनके एक्टिव होने से यह प्रॉब्लम सॉल्व हो गई है।

श्याम सुंदर जगनैनी, सेक्रेटरी, अंबेश्वरी पैराडाइज

युवक की पहल से जीएमसी को सीख लेनी चाहिए। इससे पूरे शहर को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी।

जेपी रूंगटा, निवासी अंबेश्वरी पैराडाइज