-राजकीय महिला हॉस्पिटल में हुआ हादसा, दो बच्चे चोटिल, ठेकेदार फरार

-लापरवाही आई सामने, प्रॉपर इलाज न मिलने से बच्चे की गई जान

VARANASI

कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला हॉस्पिटल में निर्माणाधीन भवन की दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत हो गयी। जबकि दो अन्य बच्चे घायल हो गए। दीवार गिरी कैसे और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इसकी जांच तो बाद में होगी लेकिन हादसे के बाद गंभीर रूप से घायल मासूम के इलाज में भी अस्पताल में लापरवाही बरती गई। इमरजेंसी में उसे मामूली ट्रीटमेंट देने के बाद उसके मां-बाप को कहीं और ले जाने की सलाह दी गई लेकिन गरीब मां बाप उसे अन्यत्र ले जाने में असमर्थ थे। इस वजह से इलाज में काफी लेट हो गई और उसे जब तक बीएचयू ट्रामा सेंटर ला जाया जाता उससे पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया।

मजदूरी कर रहे थे मां-बाप

महिला अस्पताल में नये भवन का निर्माण हो रहा है। यहां पर बीच-बीच में कच्ची दीवार बनायी गयी थी। इस दीवार के पास ही तीनों बच्चे खेल रहे थे। इसी बीच दीवार अचानक गिर गयी। दीवार गिरने से दिलारु (8 वर्ष), जाकिर अली (7 वर्ष) व एक बच्ची घायल हो गयी। तीनों बच्चों के माता-पिता पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और अस्पताल में ही रह कर भवन निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। हादसे में दिलारु को गंभीर चोट लगी थी जबकि दो अन्य बच्चों को अधिक चोट नहीं लगी। आनन-फानन में तीनों बच्चों को मंडलीय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर बच्ची का प्राथमिक उपचार कर उसे छुट्टी दे दी गई।

ले जाइये कहीं और

बच्चे के मां-बाप ने रोते हुए बताया कि दिलारु की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर्स ने उसे कहीं और ले जाने को कहा लेकिन हमारे पास पैसे नहीं थे। इसलिए वे डॉक्टर्स से बच्चे को बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन सभी स्टाफ बच्चे को छोड़कर डीजी हेल्थ की विजिट की तैयारियों को पूरा करने के लिए चले गए। इस बीच जब तक बच्चे को लेकर लोग दूसरे अस्पताल के लिए निकलते उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया।

ठेकेदार व मुंशी हुए फरार

भवन निर्माण के लिए ठेकेदार व मुंशी ने ही मजदूरों की व्यवस्था की थी लेकिन जब दीवार गिरी तो दोनों फरार हो गये। दिलारु की मां रोते हुए बार-बार कहती रही कि उसे पैस मिल जायें तो अन्य जगह पर जाकर इलाज कराये। इसके बाद भी ठेकेदार व मुंशी नहीं आये और बच्चे की मौत हो गयी।