चीन की तैराकी चैम्पियन फू युआनहुई ने जब अपने इंटरव्यू में खुलकर पीरियड के बारे में बातें की तो वो रातों रात सोशल मीडिया की सनसनी बन गई थीं। रविवार को महिलाओं के 4x100 मीटर की रिले प्रतियोगिता में चीन मेडल से चूक गया और चौथे नंबर पर रहा। इस प्रतियोगिता के बाद एक रिपोर्टर ने टीम के तीन तैराकों लू यिंग, शी जिनग्लिन और झू मेंघुई का साक्षात्कार लिया, लेकिन फू का पता नहीं चल पाया।

बहुत खोजने के बाद वो एक बोर्ड के पीछे दुबकी बैठी और दर्द से परेशान मिलीं। पत्रकार ने पूछा कि क्या वो ठीक हैं? इस पर फू ने कहा, "इस बार मैं ठीक से तैर नहीं पाई।"उन्होंने बताया, "मेरा पीरियड कल ही शुरू हुआ था, इसलिए मैं थकान महसूस कर रही थी, लेकिन ये कोई कारण नहीं है। मैं फिर भी ठीक ठाक तैर लेती हूं।"

चीन के समर्थकों के लिए यह यह भावनात्मक क्षण था। फिर क्या था सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में लोगों ने ट्वीट और पोस्ट करने शुरू कर दिए। चीन की सोशल मीडिया साइना वीबो पर ताओ नामके एक यूज़र ने लिखा, "पीरियड के दौरान तैराकी करने के लिए मैं वाक़ई फू की प्रशंसा करता हूं....उन्हें चौथे स्थान पर आने का दुख है लेकिन फू हमें फिर भी आप पर गर्व है।"

इसके बाद तो टैंपन लगाने को लेकर भी बहस छिड़ गई। एक सर्वे में पता चला है कि चीन में महज 2 प्रतिशत महिलाएं ही इसका इस्तेमाल करती हैं जबकि अमरीका में 42 प्रतिशत महिलाएं टैंपन का इस्तेमाल करती हैं। कॉटन इंक के सर्वे में पाया गया कि अधिकांश महिलाएं इसके बारे में जानती ही नहीं या पहले सुना भी नहीं था। हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ लोग सवाल भी खड़ा कर रहे हैं कि पीरियड के समय वो आख़िर पानी में गईं कैसे?

एक वीबो यूज़र ड्विंगन्यू ने लिखा है, "चीनी लोगों में टैंपन के बारे में पूर्वाग्रह है। मैं 30 से ऊपर हूं और इसे लेकर अभी तक बेपरवाह और डरी हुई रहती हूं।" लेकिन इसके पीछे सांस्कृतिक कारण भी हैं। कुछ चीनी महिलाओं को बताया जाता है कि टैंपन से वर्जिनिटी समाप्त हो जाती है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन दोनों में किसी तरह के संबंध होने से इनकार किया है। एक पोस्टर पर लिखा था, "कौन कहता है कि टैंपन इस्तेमाल करने से आप वर्जिन नहीं रह जाएंगी? भूल जाईए ये 21वीं सदी है।"

रिपोर्टों के मुताबिक़ चीन का पहला घरेलू टैंपन ब्रांड जल्द ही लांच होने वाला है, जो महिलाओं को पीरियड के दौरान भी तैरने के लिए प्रोत्साहित करेगा। स्पोर्ट्स साइंटिस्ट जियोर्जी ब्रूइनवेल्स ने बीबीसी को बताया, "खेलों में कोच अकसर मर्द होते हैं और महिलाएं उनसे इस तरह की बात करने में झिझकती हैं।" सेंट मैरी यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन के सहयोग से उन्होंने 1800 महिला एथलीटों पर सर्वे किया। वो बताती हैं, "आधे एथलीटों को डर था कि माहवारी चक्र से उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।" हालांकि खेलों पर पीरियड के प्रभाव पर बहुत शोध नहीं हुए हैं. लेकिन जोयोर्जी का कहना है कि इसका एक संभावित कारण है आयरन की कमी होना।

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