सुबह होते ही डकैतों ने कर दी फायरिंग

गौरतलब है कि जियालाल कोल ने 23 अगस्त 2017 को हुई मुठभेड़ में घायल सरदार बबुली कोल और भांजे डकैत लवलेश कोल की जान बचाई थी।यह दोनों को पुलिस के घेरे से बाहर ले गया था।शुक्रवार की रात पुलिस को सूचना मिली कि जमुनिहाई जंगल में अमरावती आश्रम के पास डकैत बबुली कोल अपने आधा दर्जन साथियों के साथ डेरा डाले है।मारकुंडी पुलिस और एंटी डकैती टीम ने अन्य पुलिस टीमों के साथ रात में ही जमुनिहाई जंगल की घेराबंदी शुरू कर दी और सुबह होने का इंतजार करने लगी।जैसे ही सुबह हुई तो डकैतों ने अपने को घिरा देख पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।पहले से मोर्चा लिए पुलिस ने जवाबी गोलियां बरसाई।करीब एक घंटे तक डकैत बबुली कोल से पुलिस की मुठभेड़ हुई।जिसमें गैंग के सक्रिय सदस्य जिलालाल कोल पुत्र खिलाड़ी निवासी नागर (मानिकपुर) के हाथ और जांघ में गोली लगी और गंभीर रूप से घायल हो गया।

पहले भी अरेस्ट हो चुका है

अपने को घिरता देख डकैत बबुली अन्य साथियों को लेकर जंगल में भाग निकला। जबकि, घायल जियालाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया।घायल डकैत को अस्पताल भेजने के बाद एसपी प्रताप गोपेंद्र ने खुद टीमों संग डकैतों का पीछा किया लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।एसपी प्रताप गोपेंद्र के मुताबिक डकैत जियालाल के पास से 315 बोर की देशी राइफल समेत भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।इस डकैत पर विभिन्न थानों में पांच मुकदमें दर्ज हैं।यह गैंग का हार्डकोर एवं शार्पशूटर सदस्य है तथा गैंग के हार्डकोर सदस्य लवलेश कोल का मामा है।पहले यह रागिया गैंग में था और वर्ष 2010 में एक बार अरेस्ट भी हुआ था।

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