250 लोगों को बचाया गया

लोगों ने चिल्लाना शुरू किया। कुछ लोगों ने सीढिय़ों से जाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें उन्हें उपर धकेल रही थी। पूरा रूम धुएं से भर चुका था। किसी तरह फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच कर आग पर काबू पा सकी और दोनों फैमिलीज के लगभग 250 लोगों को बचाया गया। यह हादसा सोमवार को केजीएस होटल एंड बैंक्वेट हॉल में इंगेजमेंट सेरेमनी के दौरान हुआ।

शॉट सर्किट बनी वजह

खगौल के रहने वाले गोपाल चंद्र केसरी की बेटी सुमन और मसौढ़ी के राजेश्वर प्रसाद केसरी के बेटे आदित्य के इंगेजमेंट में उसके फैमिली मेंबर आए हुए थे। लगभग ढ़ाई बजे हॉल के निचले तल्ले पर अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ और तेजी से आग फैलने लगी। इस दौरान लड़की के पिता गोपाल चंद्र केसरी ने बताया कि अगर सुबह से ही बैंक्वेट हॉल वाले ध्यान देते तो इस तरह की परेशानी नहीं आती। आग की अफरातफरी खत्म हुई तो इंगेजमेंट की रस्म गायत्री मंदिर में हुई। फैमिली मेंबर रस्म अदायगी के पूरे होते ही अपने-अपने घर निकल गए।

बच गया चंदन हीरो

जिस समय आग की लपट बैंक्वेट हॉल में उठी उस समय चंदन हीरो में अफरा-तफरी मच गयी। शोरूम में रखी सारी गाडिय़ों को फौरन निकाला गया। क्योंकि आग की लपट अगर शोरूम तक पहुंचती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन फायर ब्रिगेड की मुस्तैदी और चंदन हीरो के कर्मियों की फुर्ती से आग पर काबू पाया गया।

भगवान भरोसे हो रही है शादियां

शहर में खुशियों को समेटने के लिए जिस प्लेस का सेलेक्शन आप कर रहे हैं, जरूरी नहीं कि वहां से आपको खुशियां भी मिलें। राजधानी में पांच सौ से अधिक बैंक्वेट हॉल है। जिसमें इंगेजमेंट, शादी से लेकर बर्थ डे तक सेलिब्रेट किया जाता है। लेकिन फैसिलिटीज के नाम पर लोगों के साथ मजाक हो रहा है। ताजा उदाहरण सोमवार को देखने को मिला, जब कंकड़बाग के एक बैंक्वेट हॉल में शॉट सर्किट से उठी आग में लगभग 250 लोग फंस गए। ना इमरजेंसी एक्जिट की व्यवस्था थी और ना ही आग पर काबू पाने की। जब तक फायर ब्रिगेड की टीम नहीं आई, लोग फंसे रहे।

सेपरेट एक्जिट का रास्ता नहीं

अमूमन हर होटल में एक बैंक्वेट हॉल होता ही है। इसकी बुकिंग प्लेट के हिसाब से होती है। सीजन ऑन है तो शादियों की बुकिंग और ऑफ सीजन में बर्थडे या प्राइवेट फंक्शन की बुकिंग। बुकिंग जब भी होती है, भीड़ स्वाभाविक है। लेकिन इस भीड़ के इमरजेंसी एक्जिट के लिए कोई सेफ्टी अरेंजमेंट इन हॉल में नहीं है। यही नहीं बैंक्वेट हॉल का रास्ता भी अमूमन होटल के रास्ते में ही होता है। ऐसे में बैंक्वेट से रश के एक्जिट का ऑप्शन लिमिटेड हो जाते हैं।