-काकोरी पुलिस ने वसूली के लिये पीडि़ता का नाम बताकर तीन आरोपियों को किया था प्रताडि़त

-रकम देकर छूटे आरोपियों ने ही चिढ़ में युवती को निर्ममता से उतारा मौत के घाट

-दो आरोपी अरेस्ट, दो अब भी फरार, पुलिस तलाश में जुटी

LUCKNOW: पारा में युवती की निर्मम हत्या तीन युवकों को काकोरी पुलिस द्वारा दी गई थर्ड डिग्री का नतीजा थी। युवती की शिनाख्त होने के बाद जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने जब घटना की एक-एक कर परत खोलनी शुरू की, तो जो कहानी निकलकर सामने आई वह बॉलीवुड के नामचीन कहानीकारों को भी चौंका दे। पारा पुलिस ने सोमवार को दो आरोपियों राजेश उर्फ मामा और अब्दुल कादिर को अरेस्ट करते हुए इस हत्याकांड का खुलासा तो कर दिया पर, शायद लखनऊ पुलिस का किसी हत्या का यह पहला गुडवर्क होगा जिसमें अरेस्ट किये गए आरोपी जेल तो भेज दिये गए पर, न तो प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, न प्रेसनोट जारी हुआ और न ही इस बारे में पुलिस के आला ऑफिसर कुछ भी बोलने को तैयार दिखे। पारा पुलिस ने अरेस्ट किये गए दोनों आरोपियों राजेश और अब्दुल कादिर को हत्या व साक्ष्य छिपाने की धाराओं में चालान कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को क्ब् दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके साथ ही रविवार को लाइनहाजिर किये गए इंस्पेक्टर मुखराम यादव को सस्पेंड करने की चर्चा सोमवार देररात तक गर्म रही पर, किसी भी ऑफिसर ने उनके सस्पेंशन की पुष्टि नहीं की।

घर से भागकर आई थी

सस्पेंस और थ्रिल से भरपूर इस कहानी की शुरुआत होती है ख्ख् अगस्त को हरदोई के थरियांवा एरिया में। जब यहां की रहने वाली युवती सोनिया (बदला नाम) गांव में ही रहने वाली एक युवती के बहकावे में गांव के ही एक युवक से इश्क कर बैठी। युवक के कहने पर वह लखनऊ भाग आई। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, चारबाग में पहुंचने पर सोनिया ने अशोक पीसीओ से उस युवक को कई कॉल किये लेकिन उससे बात न हो सकी। जिसके बाद सोनिया ने अशोक से ठहरने की जगह देने की गुजारिश की। अशोक ने जगह होने में असमर्थता जताते हुए उसकी मुलाकात पड़ोस में पान व्यवसायी सुनील से करवाई। सुनील उसे अपने साथ लेकर घर चला गया।

चार लोगों के साथ रही

क्0 दिन तक सुनील ने सोनिया को साथ रखा और उसके बाद उसे अपने दोस्त विजय के साथ भेज दिया। विजय ने भी उसे क्0 दिन साथ रखने के बाद ठाकुरगंज निवासी राजेश उर्फ मामा के साथ भेज दिया। राजेश भी उसे कुछ दिन ही साथ रख पाया और फिर उसने सोनिया को ठाकुरगंज के हिस्ट्रीशीटर मुलायम यादव के साथ भेज दिया। मुलायम ने भी उसे कुछ दिन साथ रखा और अपने दोस्त अमित के जरिए सोनिया को बुद्धेश्वर रोड पर मुमताज अहमद के यहां किराये का कमरा दिला दिया। सोनिया ने मुमताज को बताया था कि वह एक प्राइवेट सेलुलर कंपनी में काम करती है।

घूमने के बहाने काकोरी ले गए

पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, बीती क्8 अक्टूबर की रात अमित और मुलायम सोनिया के पास पहुंचे और उसे साथ लेकर काकोरी के संदना रोड जा पहुंचे। देररात तक वे लोग वहीं बागों में घूमते रहे। इसी बीच उनके वहां होने की भनक राजेश को भी लग गई और वह अपने एक अन्य दोस्त अब्दुल कादिर के साथ संदना रोड जा पहुंचा। उस वक्त रात के एक बज रहे थे। राजेश और कादिर को देखते ही सोनिया भड़क उठी और घर जाने की बात कहते हुए रोड पर आ गई। इसी बीच वहां पर काकोरी पुलिस की जीप आ गई। जीप पर दारोगा जनार्दन यादव, कॉन्सटेबल उदयवीर यादव और एक होमगार्ड सवार थे। सोनिया और उसके पीछे आ रहे चार युवकों को देख पुलिसकर्मी रुक गए और चारों युवकों व सोनिया को लेकर थाने पहुंच गए।

शुरु हुआ पुलिस का खेल

पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, को जांच में पता चला कि थाने में पूछताछ के दौरान सोनिया ने पुलिस को पचड़े से बचने के लिये बताया कि मुलायम उसका ब्वाय फ्रेंड है और बाकी तीनों युवक उसे परेशान कर रहे थे। सोनिया के इस कबूलनामे के बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर काकोरी मुखराम यादव ने उससे एक सादे कागज में सिग्नेचर करवाए और फिर उसे मुलायम के साथ वापस भेज दिया। जबकि राजेश, अमित और अब्दुल कादिर को पुलिस ने प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। दारोगा जनार्दन यादव उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देते हुए उनसे घर से रकम मंगाने को कहते रहे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उन तीनों को थर्ड डिग्री दी। जिससे घबराकर अमित ने क्9 अक्टूबर को घर से ख्0 हजार रुपये मंगा कर इंस्पेक्टर मुखराम और दारोगा जनार्दन को दिये। जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।

ख्भ् हजार मिलने पर बाकी आरोपी भी छूटे

पुलिस सोर्सेज ने बताया कि अमित को छोड़ने के बाद राजेश और कादिर पर प्रताड़ना का दौर जारी रहा। इस दौरान सोनिया ने दारोगा जनार्दन को कॉल कर कोई कार्रवाई न चाहने की बात कही और राजेश और कादिर को छोड़ने की गुजारिश की। पर, जनार्दन ने राजेश और कादिर को मोबाइल फोन पर सोनिया की कॉल दिखाते हुए बताया कि सोनिया उन पर कार्रवाई का दबाव बना रही है। इसलिए वह रुपया मंगा लें नहीं तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। आखिरकार राजेश और कादिर ने ख्भ् हजार रुपये मंगाकर इंस्पेक्टर मुखराम यादव को दिये जिसके बाद ख्0 अक्टूबर को उन्हें भी छोड़ दिया गया। पुलिस की गिरफ्त से छूटने के बाद राजेश ने ख्क् सितंबर को अमित, मुलायम और कादिर को बात करने के लिये बुलाया। वहां पर राजेश और कादिर की अमित व मुलायम से कहासुनी भी हुई। सोनिया के कहने पर पुलिस द्वारा प्रताडि़त करने से चिढ़े बैठे उन चारों ने सोनिया को ही रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।

कर दी निर्मम हत्या

योजना के मुताबिक, ख्क् अक्टूबर की ही रात को अमित फिर से बुद्धेश्वर रोड स्थित सोनिया के घर पहुंचा ओर उसे पिछली बातें भूलकर घूमने के लिये बाहर चलने को कहा। सोनिया उसके साथ चल पड़ी। अमित उसे लेकर पारा के सरोसा गांव स्थित लड्डन की आम की बाग जा पहुंचा। जहां राजेश, मुलायम और अब्दुल कादिर उसका इंतजार कर रहे थे। उन तीनों को देखते ही सोनिया ने अमित से वापस चलने को कहा। पर, इसी बीच उन चारों ने सोनिया को वहीं पर गिरा दिया और उसकी निर्मम हत्या कर दी।

हत्या से पहले दरिंदगी की इंतहा

पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, गिरफ्त में आए राजेश और अब्दुल कादिर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह लोग सोनिया से बुरी तरह चिढ़े हुए थे। बाग में उसके पहुंचते ही उन लोगों ने सोनिया को जमीन पर गिरा दिया और उसकी जींस उतारने के बाद बांस से उसके प्राइवेट पार्ट्स में अंदरूनी चोट पहुंचाई। जिससे सोनिया को बेतहाशा ब्लीडिंग हुई और इसी वजह से उसकी मौत हो गई। आरोपियों के इस कबूलनामे की पुष्टि सोनिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई। सोर्सेज के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वेजाइनल और एनल पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त पाए गए।