- 29 मार्च से नव संवत्सर साधारण की हो रही है शुरुआत, राजा हैं बुध और मंत्री रहेंगे बृहस्पति- दोनों ग्रहों की प्रवृति है शांत, समभाव होने के चलते फल होगा अनुकूल- वर्षा होगी अच्छी, फसल भी होगी भरपूर, बढ़ेंगे धार्मिक क्रियाकलापबुध और बृहस्पति में समभाव

ज्योतिषविद् पंडित चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि ग्रहों की स्थिति का सीधा असर पृथ्वी पर रहने वालों पर पड़ता है। हर ग्रह की अपनी खास प्रवृति होती है। बुध और बृहस्पति दोनों ही शांत ग्रह हैं। बुध की किसी से भी शत्रुता नहीं होती। इसलिए दोनों ग्रहों के बीच सम भाव है। राजा और मंत्री मिलकर प्रजा के हित में कार्य करेंगे। दोनों ही ग्रह बुद्धि से भरपूर हैं। अपने बुद्धि और विवेक के निर्णय से जो निर्णय लेंगे उसमें करेंगे उसके पीछे एक बेहतरी का भाव होगा। वर्षा अच्छी होगी, आर्थिक नीतियां प्रजा के पक्ष में रहेंगी। भारत कृषि प्रधान देश है इसलिए अच्छी वर्षा का सीधा असर कृषि पर दिखेगा।

नव संवत्‍सर : समभाव के हैं राजा-मंत्री,प्रजा की रहेगी हर रोज दिवाली और होली

विचारों में नहीं होगा मतभेद

राजा और मंत्री दोनों में दोस्ती होगी तो उनके विचारों में भेद की संभावना बहुत कम होगी। ज्योतिषविद् पंडित विमल जैन बताते हैं कि बुध सौम्य ग्रह है और बृहस्पति की प्रवृति भी ऐसी ही है। दोनों ही ग्रह बुद्धि, विवेक और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। राजा और मंत्री के बेहतर आपसी सम्बन्ध का असर प्रजा पर दिखायी देगा। पंडित जैन ने बताया कि सम्वत में दस अधिकारी ग्रह होते हैं। इन दस ग्रहों में शुभ ग्रहों की अधिकता है। जिससे अनुकूलता बनी रहेगी। देश में शांति और सद्भाव की स्थिति रहेगी। आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, दुनिया में देश का साख बढ़ेगी। देश प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त रहेगा।

नव संवत्‍सर : समभाव के हैं राजा-मंत्री,प्रजा की रहेगी हर रोज दिवाली और होली

पहला दिन तय करता है राजा

पंडित चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि वासंतिक नवरात्र का पहला दिन ही राजा तय करता है। इस बार नवरात्र की शुरुआत 29 मार्च, बुधवार को हो रही है। इस तरह से नव सम्वत् का राजा बुध होगा। इसी तरह मंत्री का नाम मेष संक्राति सतुआ संक्राति से तय होता है। इस बार मेष संक्राति गुरुवार को पड़ रही है जिससे मंत्री बृहस्पति होगा।

नव संवत्‍सर : समभाव के हैं राजा-मंत्री,प्रजा की रहेगी हर रोज दिवाली और होली

आठ दिनों का है नवरात्र

शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती की आराधना के पर्व वासंतिक नवरात्र की शुरुआत 29 मार्च, बुधवार से हो रही है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार प्रतिपदा और द्वितीया तिथि दोनों एक ही दिन पड़ेगी। 28 मार्च की शाम प्रतिपदा तिथि 10.30 बजे से शुरू होकर अगले दिन 6.33 बजे तक रहेगी। द्वितीया तिथि का क्षय होने के चलते इस बार नवरात्र आठ दिन का होगा। समापन 5 अप्रैल रामनवमी पर हवनोपरांत होगा। नवरात्र व्रत का पारन दशमी को उदयातिथि के अनुसार 6 अपैल को किया जायेगा।

 Interesting News inextlive from Interesting News Desk