नाम की पहले हो चुकी थी घोषणा
द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए बिरसानगर निवासी आर्चर व कोच पूर्णिमा महतो के नाम का अनाउंसमेंट पहले ही कर दिया गया था। उनके नाम के अनाउंसमेंट के साथ ही स्टेट के स्पोट्र्स लवर्स के बीच काफी एक्साइटमेंट देखा जा रहा था। सैटरडे को प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी द्वारा उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड प्रदान करने के साथ ही स्पोट्र्स लवर्स काफी उत्साहित हो गए।

पूर्णिमा के students भी मचा रहे तहलका
पूर्णिमा महतो द्वारा कोच किए गए स्टूडेंट्स भी आज नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर स्टेट के साथ ही कंट्री का नाम रोशन कर रहे हैैं। उनके द्वारा कोच की गई आर्चर दीपिका कुमारी को कौन नहीं जानता। आर्चरी वल्र्ड कप में गोल्ड जीतने के बाद वह अब स्पेन में होने वाले वल्र्ड कप फाइनल में खेलेगी। इसके अलावा डोला बनर्जी सहित अन्य को भी उन्होंने कोच किया है।

Parents व Tata Steel को दिया achievement का credit
पूर्णिमा महतो ने अपने इस अचिवमेंट का श्रेय अपने पैरेंट्स के साथ ही टाटा स्टील को दिया है। अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने टाटा स्टील व टाटा आर्चरी एकेडमी को भी उनके बेहतर सपोर्ट के लिए थैंक्स कहा। पूर्णिमा महतो ने कहा कि वे बचपन से ही आर्चरी में कॅरियर बनाना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि इस अवार्ड से मुझे स्पोट्र्स के क्षेत्र में और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

Coach के रूप में achievement
-2012 -बैैंकाक में हुए एसियन ग्र्रांड प्रिक्स आर्चरी में सिल्वर, अंटाल्या में वर्ष 2012 के वल्र्ड कप स्टेज 2 दीपिका ने गोल्ड जीता और लंदन में हुए ओलंपिक गेम्स में भी टीम शामिल हुई।
-2007 -चाइना में हुए सीनियर आर्चरी चैम्पियनशिप में गल्र्स टीम ने ब्रांज मेडल व ब्वायज टीम ने गोल्ड मेडल जीता।

-2005-वे स्पोन में हुए 43वें सीनियर वल्र्ड आउटडोर आर्चरी चैम्पियनशिप में टीम के साथ गईं और टीम ने सिल्वर मेडल जीता।

Dronacharya Award
द्रोणाचार्य अवार्ड की शुरुआत वर्ष 1985 में हुई थी। यह स्पोट्र्स के क्षेत्र में आउटस्टैैंडिंग परफॉरमेंस के लिए दिया जाता है। इसमें ब्रांज की द्रोणाचार्य की मूर्ति, प्रशस्ति पत्र के अलावा 5 लाख रुपए दिए जाते हैं।

वर्ष 1992 में हुआ था selection
पूर्णिमा महतो का सेलेक्शन वर्ष 1992 में इंडियन आर्चरी टीम में हुआ था। 1994 में उन्होंने पुणे नेशनल गेम्स में 6 गोल्ड मेडल जीता। इसी वर्ष एशियन गेम्स में भी उन्होंने पार्टिसिपेट किया। 1997 में वे नेशनल चैम्पियन बनीं। 1997 में उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड बनाया और दो गोल्ड जीते। इसके अलावा 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पूर्णिमा महतो ने सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले1993 में बैैंकाक में हुए इंटरनेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप में टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने वर्ष 1994 में टाटा स्टील ज्वाइन किया और तब से वे टाटा आर्चरी एकेडमी की कोच हैैं।

द्रोणाचार्य अवार्ड पाकर ऐसा लगा जैसे सारे सपने साकार हो गए। हालांकि अभी मीलों का सफर बाकी है। इस अवार्ड से स्पोट्र्स में और बेहतर करने का इंस्पीरेशन मिलेगा।
-पूर्णिमा महतो, द्रोणाचार्य अवार्डी

पूर्णिमा को उनके आउटस्टैंडिंग परफॉरमेंस के लिए यह अवार्ड मिला है। पूरा स्पोट्र्स जगत खुश और उत्साहित है।
-एल मूर्ति, सेक्रेटरी, झारखंड आर्चरी एसोसिएशन

Report by : goutam.ojha@inext.co.in