वो पति नहीं, जल्लाद है

-पत्‍‌नी को बुरी तरह पीटकर घर में बंद रखा, फांसी लगाकर सुसाइड का रूप देने की कोशिश

- चोट देखने के बाद डॉक्टर ने कहा, इतनी चोट देने वाले को तो बेल नहीं मिलनी चाहिए

- महिला थाने में लगाई गुहार, ससुराल से मायके भागकर बचाई जान

PATNA : आपके आसपास भी पति-पत्‍‌नी में झगड़ा हो रहा है। मारपीट हो रही हो, तो उसे इग्नोर न करें। बल्कि उसमें इंवॉल्व होकर फौरन उसकी सूचना लोकल थाने या फिर एडमिनिस्ट्रेशन को जरूर दें। आरती तो किसी तरह अपने पति के चंगुल से फिलहाल निकल गई, पर कई लड़कियां हैं जिनकी सिसकियां आज भी घर की चहारदीवारी में गुम हो जाती हैं। डॉमेस्टिक वायलेंस की शिकार ऐसी लड़कियों की कहानी कम दर्दनाक नहीं है। आरती की ही कहानी सुनकर रोंगटें खड़े हो जाते हैं। उसके माता पिता ने उसकी खुशियां मांगी थी भगवान से, मगर आ उसका पति उसके लिए जल्लाद बना है जो हर दिन उसे तड़पा रहा है। आरती के साथ हुई घटना सोसायटी के लिए काला धब्बा है। रात पर चीख-चिल्लाहट सुनने के बाद भी अब्दुल्ला चौक के रहने वालों ने अपनी कानों में रुई डालकर सोना अधिक पसंद किया, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनके इस सोने और नजरअंदाज करने की घटना आरती की जान ले सकती थी। खैर, अब आरती के साथ उसकी मां, पिता, पटना पुलिस है, जो उसके साथ इस तरह की अमानवीय घटना को अंजाम देने वाले पति को सलाखों के पीछे धकेलने में जुटी हुई है। डरी-सहमी और डाक्टरी इलाज के बाद थाने में अपनी कंप्लेन दर्ज करवाने के बाद आरती ने जो अपनी आपबीती सुनायी वो कलेजे को हिला देने वाला था। चार सालों से हर दिन पिटाई करने वाले पति ने आठ जुलाई की रात आरती के साथ जुल्मो सितम की हद की पार कर दिया था।

फिर पीटना शुरू कर दिया

गोपालपुर थाना के अब्दुल्ला चौक के पास अपने पति की दरिंदगी सह रही आरती ने बताया कि आठ जुलाई की रात उसका पति श्याम प्रसाद घर शॉप बंद करके जब घर आया, तो गुस्से में था। इस दौरान कुछ बातें हुई और इसके बाद पिटाई शुरू कर दिया। पहले तो लगा कि हर दिन की तरह ये फिर से शुरु हो गए हैं, लेकिन मारते-मारते ये और भी दरिंदगी दिखाना शुरू कर दिए। भारती ने बताया कि जूता, चप्पल, हाथ, डंडा, लोहे की रड जो मिला उससे पिटाई शुरू कर दी। पिटाई के दौरान दो बार बेहोश होने और फिर होश में आने के बाद उसके पति भी पति का मन नहीं भरा, तो उसने मेरे जननांग में रॉड डालकर मारपीट शुरू कर दी है। वह खून से लथपथ थी।

घर में बंद कर चला गया

आरती ने बताया कि दो बजे रात तक उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद जब वो थक गया, तो दरवाजा बंद करके चला गया। नौ जुलाई की दोपहर जब मुझे होश आया, तो मैंने आसपास गिरे मोबाइल और उसके चार्जर को लगाकर मां को फोन कर इसकी सूचना दी। फिर मां ने गोपालपुर थाने की पुलिस को खबर की और उसे किसी तरह निकाला। फिर मैं अपनी दो साल की बेटी निधि को लेकर मां के घर चली आई। इस दौरान आसपास के लोगों ने आवाज सुनी, लेकिन किसी ने मेरी सुध तक नहीं ली। आरती के पिता रामजी महतो ने बताया कि चार साल से परेशान हूं। कई बार समझाया, पुलिस को कहा लेकिन सुनने को कोई तैयार नहीं था। आज नतीजा सबों के सामने है। फिलहाल पुलिस आरती के पति श्याम प्रसाद को ढूढ़ने में लगी हुई है।

सुसाइड का रूप देने की कोशिश

आरती ने बताया कि पति श्याम प्रसाद ने मारकर ही नहीं छोड़ा, बल्कि वो जान से मारने की तैयारी भी कर लिया। उसने यह भी कहा कि अगर तू बच गई, तो मुझे जेल भिजवा देगी। इसके बाद उसने सुसाइड की साजिश भी रची। गले में रस्सी बांधकर पंखे से लटकाया और टेबल को पैर से गिराने के लिए कहा, लेकिन जब उसमें भी वो सफल नहीं हुआ, तो नीचे उतारकर फिर मेरे साथ मारपीट करने लगा और मैं बेहोश हो गई।

तब डॉक्टर भी चौंक पड़ी

आरती ने इसकी लिखित शिकायत महिला थाना में की है। आरती का मेडिकल चेकअप गुरुवार को करवाया गया। उसने बताया कि मेडिकल जांच करने वाली डॉक्टर भी आरती की हालत को देखकर चौंक गयी। उसके शरीर और जननांग में लगी चोट को देखने के बाद डॉक्टर ने भी कहा कि इतनी चोट देने वाले को तो बेल नहीं मिलनी चाहिए। वह इंसान के रूप में वो दरिंदा है।

अब नहीं जाऊंगी ससुराल

आरती की शादी क्0 जून ख्0क्0 को हुई थी। पिछले चार सालों में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल चुकी आरती का दिल ससुराल, पति के नाम से ही डर जाता है। आरती ने बताया कि अब मैं नहीं जाऊंगी। ससुराल जाने से डर लगता है, क्योंकि यहां मेरा कोई नहीं बल्कि दरिंदा रहता है। यह पूछने पर कि आखिर इतनी जुल्म ढाने का क्या कारण है तो आरती के बताया कि उसके पति श्याम प्रसाद का किसी अन्य महिला से रिलेशन है।