15 दिन के स्वच्छता अभियान के बाद भी नतीजे सिफर

नगर निगम को 2 अक्टूबर तक करनी थी शहर की मलिन बस्तियों की सफाई

Meerut। प्रदेश सरकार की स्वच्छता मुहिम के तहत मेरठ नगर निगम को शहर को 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती तक गंदगी मुक्त करना था। हालांकि इसके लिए निगम ने बकायदा 15 दिन तक स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया, जो पूरी तरह विफल रहा। शहर के वार्डो से लेकर मलिन बस्तियों में गंदगी की भरमार है लेकिन निगम 2 अक्टूबर के मौके पर स्वच्छता का संदेश देने का प्रयास कर रहा है।

सफाई अभियान बेकार

शहर की सड़कों व वार्डो को कूडे़ से मुक्त करने में विफल निगम ने मुख्यालय के आदेश पर 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरु किया था। इसके तहत शहर की मलिन बस्तियों में निगम के नोडल अधिकारियों की टीम बनाकर बकायदा सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई। हालांकि 15 दिन के इस अभियान के बाद भी शहर की अधिकतर मलिन बस्तियों की हालत जस की तस बनी हुई है।

यहां चला सफाई अभियान

सरायकाजी

बागडियान

गणेशपुरी

शिव हरि मंदिर

डाबका

गोलाबढ़

शेखपुरा

बुढे़रा जाहिदपुरा

जय भीम नगर

डूंगरावली

दायमपुर

भगवतपुरा

औरंगशाहपुर डिग्गी

डोर टू डोर अधर में

2 अक्टूबर को शहर को साफ दिखाने में जुटे निगम की डोर टू डोर व्यवस्था अभी भी अधर में अटकी है। निगम द्वारा शहर के 90 में से केवल 20 वार्डो में डोर टू डोर कलेक्शन कराया जा रहा है। बाकि वार्डो का कूड़ा वार्डो के आसपास खुले मैदानों या सड़कों किनारे डाला जा रहा है।

दिनभर कूड़ा हटाने में जुटा रहा निगम

गांधी जयंती से पहले शहर के चौराहों से लेकर मुख्य मार्ग, पार्क और वीवीआईपी क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त और साफ करने के लिए सोमवार को निगम सुबह से शाम तक जुटा रहा। वहीं निगम के सफाई कर्मचारियों की टीम भी शहर के चौराहों और सड़कों समेत सरकारी विभागों के परिसरों को साफ करती दिखी।

शहर के कूड़ा निस्तारण के लिए निगम लगातार काम कर रहा है। रोजाना 400 से 500 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा रहा है। शहर की सड़कें साफ हो चुकी है लेकिन पूरी तरह कूड़ा साफ होने में समय लगेगा।

अली हसन कर्नी, अपर नगरायुक्त