- फर्जी तरीके से गाड़ी फाइनेंस कराने के बाद नहीं जमा करते किश्त

- नई गाडि़यों को कम पैसे में गिरवी रख डकार रहे रकम

- लग्जरी कार को अटैच कराने के नाम पर भी कर रहे खेल

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW : जालसाज पुलिस को गच्चा देने के लिए ठगी के नये-नये पैतरे अजमा रहे हैं। वहीं लोगों को आसानी से अपना शिकार बनाने के लिए भी जालसाज नये-नये तरीके अख्तियार कर रहे हैं। इस बार जालसाजों ने लग्जरी गाडि़यों के शौकीन और सूद पर पैसा बांटने वालों को अपना शिकार बनाया है। जालसाज फर्जी तरीके से लग्जरी गाडि़यों को फाइनेंस करा कर उन्हें गिरवी रखकर मोटा पैसा उठा रहे हैं। किश्त न जाम होने पर फाइनेंस कंपनी कार बरामद के लिए कार यूजर के खिलाफ केस दर्ज कर रही है। ऐसे में जालसाजों की जगह सीधे साधे लोग पुलिस की फाइलों में आरोपी बन रहे हैं।

इस तरह करते हैं जालसाजी

शहर में करीब आधा दर्जन मामले ऐसे सामने आए हैं। इसे गोरखपुर का एक शातिर गैंग बनाकर संचालित कर रहा है। यह गैंग लग्जरी कार शोरूम से फर्जी तरीके से गाडि़यों को फाइनेंस कराता है और फिर शहर में सूद पर पैसा बांटने वालों से संपर्क करता है। पैसे की जरूरत का हवाला देकर कार को जमानत के तौर पर गिरवी रखकर मोटी रकम हासिल कर लेता है। ऐसा ही एक मामला गाजीपुर थाने में दर्ज किया गया। यह केस कार शोरूम के मैनेजर ने सूद पर पैसा देने वाले के खिलाफ दर्ज कराया है।

गाड़ी को अटैच कराने के नाम पर ठगी

फर्जी तरीके से कार फाइनेंस के अलावा लग्जरी गाडि़यों को अटैच कराने के नाम पर भी ठगी की जा रही है। लग्जरी कार मालिकों से ठग गाडि़यों को अटैच कराने के नाम पर गाड़ी लेते हैं और फिर बेच देते हैं या गिरवी रखकर मोटी रकम उठा लेते हैं। जब अटैच की गई गाड़ी की रकम मालिकों को नहीं मिलती है तो वह कार यूजर से संपर्क करते हैं। इस पर दोनों के बीच विवाद हो जाता है और मामला थाने पहुंच जाता है।

केस नंबर एक

कार गिरवी रखे लिये तीन लाख

आलमबाग निवासी रूपल सिंह से अभिषेक नाम के व्यक्ति ने संपर्क किया। अभिषेक ने उससे तीन लाख रुपये कर्ज के रूप में मांगे। बदले में उसने रूपल के पास अपनी नई कार ईको स्पो‌र्ट्स गिरवी रखी थी। रूपल ने बताया कि कुछ दिन बाद फोर्ड कंपनी के कर्मचारी ने कार को फर्जी तरीके से फाइनेंस कराने का आरोप लगा वापस पाने के लिए गाजीपुर थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज कराया। इस पर रूपल ने कार वापस कर दी। रूपल ने बताया कि उसने कर्ज के लिए जो रुपये दिये थे उसे वह नहीं मिले और उस पर केस भी दर्ज हो गया।

केस नंबर दो-

पैसा दिया किसी ने गाड़ी ले गया कोई और

गोमतीनगर निवासी अंकित सिंह ने दो फा‌र्च्यूनर गाड़ी अभिषेक नाम के व्यक्ति से फाइनेंस कराई थी। अभिषेक ने दोनों गाडि़यों के लिए 9-9 लाख रुपये डाउन पेमेंट ली और करीब 6 महीने तक पचास-पचास हजार रुपये किश्त लेता रहा। कुछ दिन पहले एक अन्य व्यक्ति ने फॉच्र्यूनर गाड़ी के मालिक होने का दावा किया और गाड़ी जबरन ले गया। वहीं छानबीन में पता चला कि अभिषेक नाम के व्यक्ति ने उसके साथ धोखा किया और उन्नाव में भी एक व्यक्ति को इसी तरह से गाडि़यों को बेचा गया। पीडि़त अंकित सिंह ने ठगी करने वाले गैंग के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

केस नंबर तीन-

किराये पर गाड़ी ले हड़प ली

इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे निवासी अजय कुमार ने कुछ समय पहले एक कार बैंक से लोन लेकर किराए पर चलाने के लिए खरीदी थी। अजय का कहना है कि रियल इंडिया ग्रुप नाम की कंपनी के सीएमडी नितिन ने उनकी गाड़ी 1400 रुपये प्रतिदिन किराए पर ली थी। कुछ दिनों तक किराए देने के बाद नितिन ने अजय को किराया देना बंद कर दिया। अजय का आरोप है कि उन्होंने कंपनी के सीएमडी से अपनी गाड़ी वापस मांगी तो वह टाल मटोल करने लगे। समय गुजरता गया पर अजय को उनकी गाड़ी वापस नहीं मिली। उधर गाड़ी पर लोन होने की वजह से किश्त की रकम उनके खाते से कटती रही। अजय ने नितिन के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

केस नंबर चार-

गिरवी गाड़ी को दिया बेच

इंदिरानगर के सेक्टर 11 निवासी अनुज वर्मा का कहना है कि उसको कारोबार के लिए रुपये की जरूरत थी। उसने अपने भाई के एक परिचित चौक निवासी एजाज हसन से बातचीत की। एजाज हसन उसको चार लाख रुपये उधार देने के लिए राजी हो गया। उधार की रकम देने के एवज में एजाज ने अनुज से उसकी कार बतौर सिक्योरिटी अपने पास रख ली। एजाज ने अनुज को घर बुलाकर डेढ़ लाख रुपये नकद और ढाई लाख रुपये का चेक देकर गाड़ी ले ली। अनुज का कहना है कि उसने जब चेक बैंक में लगाया तो वह कैश नहीं हुआ। इस पर उसने एजाज से बात की उसने डेढ़ लाख से ही काम चलाने की बात कहीं। कुछ दिन बाद अनुज के पास शाहजहांपुर से एक नोटिस आई, जिसमें उसकी गाड़ी 6 लाख में बेचने का जिक्र था। इस पर उसने एजाज से बात की तो वह टाल मटोल करने लगा। उसने उधार की रकम देकर गाड़ी देने की बात कही तो एजाज ने उसे जान से मारने की धमकी दे दी। अनुज ने एजाज के खिलाफ वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एजाज ने वजीरगंज के यहियागंज के रहने वाले विशाल अग्रवाल के साथ भी ऐसा ही किया था।