- बिजनौर में स्थापित होगा नया एसटीपी

- भरवारा व दौलतगंज एसटीपी का भी होगा अपग्रेडेशन

- 391 करोड़ की लागत से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बिजनौर में स्थापित होगा नया एसटीपी

- 2011 के बाद चालू दो नालों के पानी का होगा ट्रीटमेंट

- 05 नये नालों का सीवेज भी होगा डायवर्ट

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW :

गोमती नदी के पानी को निर्मल बनाने के लिये नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत राजधानी में एक नये एसटीपी को मंजूरी मिली है। अगले वर्ष शुरू होने वाले इस एसटीपी में गोमती नदी में गिर रहे आठ नये नालों में से दो के सीवेज का ट्रीटमेंट किया जाएगा। बताया गया कि इस एसटीपी की टेक्नोलॉजी इतनी हाईक्लास की है कि इनमें ट्रीटमेंट किया गया पानी पीने लायक होगा। इन नये एसटीपी के अलावा पहले से चल रहे भरवारा एसटीपी व दौलतगंज एसटीपी को भी अपग्रेड करने की योजना है। जिसके बाद इनमें पांच नये नालों का सीवेज डायवर्ट किया जाएगा।

नये नाले होंगे डायवर्ट

केंद्रीय गृहमंत्री व राजधानी के सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2002 से 2011 के बीच राजधानी में कुल 26 नाले गोमती नदी में गिरते थे। जिन्हें टैप कर इसके गंदे पानी को भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व दौलतगंज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में चरणबद्ध तरीके से डायवर्ट किया गया था। इनमें से 22 नालों के पानी को भरवारा जबकि, चार को दौलतगंज एसटीपी में ट्रीटमेंट किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 के बाद राजधानी में बसी नई कॉलोनियों की वजह से सात नये नाले बन गए, जिनका पानी गोमती नदी में अब भी गिर रहा है। नये नालों में से दो के गंदे पानी को गोमती नदी में गिरने से रोकने के लिये नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बिजनौर में नये एसटीपी स्थापित करने की मंजूरी मिली है। बताया गया कि इसके लिये 391 करोड़ रुपये की रकम मंजूर की गई है। इस रकम से एसटीपी के साथ एक पंपिंग स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा।

पुराने एसटीपी होंगे अपग्रेड

वर्तमान में भरवारा ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 345 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) जबकि, दौलतगंज एसटीपी की क्षमता 56 एमएलडी की है। पुरानी तकनीक व सीमित क्षमता होने की वजह से यह वर्तमान जरूरत के मुताबिक गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने में समर्थ नहीं हैं। इसी को देखते हुए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत भरवारा और दौलतगंज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के लिये 1677.87 की रकम मंजूर की गई है। इस रकम से भरवारा एसटीपी की क्षमता 100 एमएलडी जबकि, दौलतगंज एसटीपी की क्षमता में 59 एमएलडी का इजाफा किया जाएगा। इसके अलावा पुराने एसटीपी की तकनीक को भी अपग्रेड किया जाएगा। जिसके बाद इन दोनों एसटीपी से ट्रीटमेंट किया हुआ पानी पीने लायक होकर बाहर निकलेगा। अपग्रेडेशन के बाद पांच नये नालों का पानी इन दो एसटीपी में डायवर्ट किया जाएगा।

बॉक्स

274 एमएलडी गंदा पानी जा रहा गोमती में

अभी राजधानी में हर रोज 675 एमएलडी सीवेज उत्पन्न होता है। भरवारा एसटीपी की क्षमता 345 एमएलडी व दौलतगंज एसटीपी की क्षमता 56 एमएलडी प्रतिदिन की है। ऐसे में 274 एमएलडी सीवेज व गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के ही गोमती नदी में गिर जाता है। इसके चलते गोमती का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। माना जा रहा है कि दोनों एसटीपी की क्षमता में इजाफे और बिजनौर में नये एसटीपी के स्थापित होने से गोमती नदी को प्रदूषित होने से रोका जा सकेगा।

फैक्ट फाइल

वर्तमान हालत

- 675 एमएलडी राजधानी में हर रोज सीवेज उत्पन्न होता है

- 345 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट होता है भरवारा एसटीपी में

- 56 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट होता है दौलतगंज एसटीपी में

- 274 एमएलडी सीवेज हर रोज गिरता है गोमती नदी में

-----------------

यह नये नाले गिरते हैं गोमती नदी में

बरीकला, घैला, फैजुल्लागंज अपस्ट्रीम, फैजुल्लागंज डाउनस्ट्रीम, सहारा सिटी नाला, गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार

-----------------

भविष्य की तस्वीर

- 100 एमएलडी क्षमता की वृद्धि होगी भरवारा एसटीपी की

- 59 एमएलडी की वृद्धि होगी दौलतगंज एसटीपी की

- 1677.87 करोड़ रुपये खर्च होंगे क्षमता वृद्धि में

- 391.66 करोड़ रुपये से स्थापित होगा बिजनौर एसटीपी