परवेज़ अली शाह आतंकवाद से जुड़े मामलो का निबटारा करने वाली एक अदालत के जज है। उन्होने हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए एक कट्टरवादी मुमताज़ क़ादरी को तासीर की हत्या का दोषी पाया था। हालाँकि पाकिस्तान में इस फ़ैसले का काफ़ी विरोध भी हुआ था।

जज परवेज़ अली शाह ने अभियुक्त मुमताज़ क़ादरी को मौत की सज़ा सुनाई थी। मुमताज़ क़ादरी ने सलमान तासीर की हत्या करने की बात कबूल की थी। लेकिन इसके बाद भी यह फ़ैसला विवादों मे था।

परवेज़ अली शाह के एक क़रीबी के मुताबिक़ शाह और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही थी जिससे तंग आकर वो सऊदी अरब चले गए है।

मामला

इस्लामाबाद में इसी साल जनवरी में गवर्नर सलमान तासिर को उनके ही सुरक्षाकर्मी मुमताज़ क़ादरी ने गोली मार दी थी। तासीर के पीठ में 27 गोलियां मारी गई थी। क़ादरी ने उसी वक्त आत्मसमर्पण कर दिया था और कहा था कि उन्हें अपने किए पर गर्व है।

मुमताज़ क़ादरी के मुताबिक़ उन्होंने तासीर की हत्या इसलिए की, क्योंकि उनहोने पाकिस्तान के ईशनिंदा क़ानून का विरोध किया था।

सलमान तासीर ने इस क़ानून के बारे में चर्चा कराने की मांग की थी। पाकिस्तान में मानवाधिकार संरक्षण से जुड़े लोगो ने भी ईशनिंदा क़ानून को अन्याय बताया था। लेकिन सलमान तासीर की हत्या के बाद पाकिस्तान में उनके हत्यारे मुमताज़ क़ादरी के समर्थन में हज़ारो लोग सड़कों पर उतर आए।

वक़ीलों ने तो क़ादरी को इस्लाम का रक्षक बताते हुए अदालत में फूलों की बारिश भी की थी। सलमान तासीर मामलें में विषेशज्ञों ने हालातों को देख़ते हुए क़ादरी को सज़ा सुनाए जाने के फ़ैसले को काफ़ी साहसी बताया था।

International News inextlive from World News Desk