इंदिरा : ए लाइफ ऑफ करेज चित्र प्रदर्शनी का कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया उद्घाटन

इंदिरा के जन्म शताब्दी समारोह में लगी चित्र प्रदर्शनी में है आयरन लेडी के जीवन से जुड़े रेयर फोटो कलेक्शन

ALLAHABAD: स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास की एक मात्र महिला प्रधानमंत्री भारत रत्‍‌न स्व। इंदिरा गांधी ने यूं ही नहीं लाखों दिलों में जगह बना रखी थी। आयरन लेडी और प्रियदर्शिनी जैसे नामों से विख्यात 19 नवंबर 1917 को प्रयाग की धरती पर जन्मी इस शख्सियत ने अपने अनूठे व्यक्तित्व की बदौलत ही 1966 से 1977 फिर 1980 से 1984 तक देश की सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में भारत माता की सेवा की। इसी बेमिसाल व्यक्तित्व से युवा पीढ़ी का साक्षात्कार कराने के लिए इंदिरा के जन्मशती समारोह पर इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से 'इंदिरा : अ लाइफ ऑफ करेज' पिक्टोरियल तैयार किया गया है। इसमें चित्रों ने प्रियदर्शिनी की पूरी जीवनगाथा बयां की है।

90 हजार पिक्चर्स का कलेक्शन

ट्रस्ट की ओर से तैयार पिक्टोरियल में करीब 90 हजार कलेक्शन से फोटो प्रदर्शनी इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में सोमवार को स्वराज भवन में लगाई गई। इसका उद्घाटन स्वयं सोनिया गांधी ने किया। प्रदर्शनी में करीब 220 ऐसे फोटोग्राफ हैं जो इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़े हर महत्वपूर्ण लम्हे की कहानी बयां करते हैं। ये अपने ओरिजनल फार्म में लेकिन डिजिटल रूप में मौजूद हैं।

इलाहाबाद के दिन

इंदिरा गांधी का जन्म इलाहाबाद की धरती पर ही हुआ था, इसलिए फोटो प्रदर्शनी की शुरुआत इलाहाबाद में गुजरे उनके बाल्यकाल से हुई है। जहां उन्होंने अपने दादा मोती लाल नेहरू, पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू, मां कमला नेहरू के साथ ही अन्य दिग्गजों की अंगुलियां पकड़ कर बचपन में कदम रखा। प्रदर्शनी में उनके बचपन को दर्शाती अट्रैक्शन ऑफ पिक लगाई गई है। जिसमें इंदिरा गांधी केवल दो वर्ष की हैं और अपने माता-पिता के साथ दिखाई दे रही हैं।

वाकई वो थीं प्रियदर्शिनी

इंदिरा की सुंदरता ने उनको प्रियदर्शिनी का नाम दिया। उनकी इस सुंदरता की झलक भी प्रदर्शनी में दिखी। जिसमें उनकी उम्र करीब 14-15 वर्ष है। बचपन से ही वे महात्मा गांधी, गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसी शख्सियत से खासी प्रभावित थीं। यह चित्रों में साफ दिखाई दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल स्थित शांति निकेतन में व बापू के पास उनकी उपस्थिति दिखाई देती है।

परिवर्तन काल

इंदिरा गांधी के जीवन में किस तरह से परिवर्तन आया, चित्रों में इसका संग्रह भी नजर आया। इसमें फिरोज गांधी से उनका विवाह का चित्र भी शामिल है, जिसमें पंडित लक्ष्मीधर शास्त्री विधि पूर्वक विवाह संपन्न कराते हुए दिखाई दे रहे हैं। 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इंदिरा गांधी फिरोज गांधी के साथ इंग्लैंड घूमने गई थीं। वह दुर्लभ फोटो भी प्रदर्शनी में लगी है। 1948 में जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या हुई तो इंदिरा गांधी बापू की अस्थियां ले जाने वाली रेल गाड़ी में बैठी हुई थीं।

क्षति और विरासत

1960 में पति फिरोज गांधी और 1964 में पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद उन्होंने किस तरह से पार्टी को संभाला और राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाया, चित्रों में यह साफ जाहिर है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के पार्थिव शरीर के पास बैठी इंदिरा गांधी की तस्वीर एक बेटी का पिता के प्रति अटूट प्यार दिखाती है। उसके बाद पाकिस्तान युद्ध, पोखरण विस्फोट, सिक्किम के दूरवर्ती इलाकों में सेना की टुकड़ी के बीच, आईएनएस मैसूर से अंडमान की यात्रा करते हुए, आईएनएस विक्रांत पर, बंकरों की यात्रा पर हर जगह उनका मजबूत व प्रभावशाली नेतृत्व दिखाई देता है। अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति के साथ ही, उस स्थान की भी फोटो लगाई गई है जहां पर इंदिरा गांधी की शहादत हुई। यह पिक्चर शहादत के कुछ दिनों पूर्व खीची गई थी।

पांच शहरों में लगेगी प्रदर्शनी

स्वराज भवन में लगी फोटो प्रदर्शनी पांच जनवरी तक यहां रहेगी। मंगलवार से प्रदर्शनी को आनंद भवन में आने वाले यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। इलाहाबाद के फरवरी में नेशनल सेंटर फार परफार्मिग आर्ट्स मुंबई में, अप्रैल में हैरिंगटन स्ट्रीट आर्ट सेंटर, कोलकाता, अगस्त में कर्नाटक चित्रकला परिषद बैंगलुरू और फिर नवंबर में 2017 में दिल्ली में प्रदर्शनी लगेगी, जहां शताब्दी वर्ष का समापन होगा।