उनकी यह मुहिम अन्य के लिए रोल मॉडल हो सकता है। उन्होंने अपनी नातिन रिया और पोती प्रियांशी के जन्म दिवस को शानदार रूप से सेलिब्रेट किया। उन्होंने दोनों के नाम पर पौधे भी लगाए। रिया के नाम पर शाही लीची 26 अक्टूबर 2002 को लगाया था, जो अब बड़ा हो चुका है। यह पेड़ कई सालों से उनकी फैमिली को मीठे लीची का स्वाद चखा रहा है। उन्होंने लीची का नाम भी रखा है रिया। वहीं, पोती प्रियांशी के नाम पर 22 मार्च 2006 को आम का पौधा लगाया था। उन्होंने बताया कि मुझे बेटियां पसंद हैं। मैं अपनी बेटी को बेटों से ज्यादा प्यार करता था। बाद में मुझे लगा कि बेटी के जन्म पर पौधे लगाने से ज्यादा खुशी कुछ और नहंी हो सकती, इसलिए तब से अब तक दर्जनों पौधे लगा चुके हैं।

परंपरा से पर्यावरण तक

नंदजी सिंह के रास्ते पर उनकी नातिन व पोती ने भी पौधे लगाना शुरू कर दिया। रिया नॉट्रेडेम की स्टूडेंट है। उसने 'परंपराÓ से पर्यावरण को जोड़ा है। क्लास टू से ही उसने मॉडल बनाना शरू किया। इसके थ्रू उसने लोगों को बताया कि हमें पुरानी परंपरा की तरफ वापस लौटना चाहिए। पुराने समय में काफी पेड़-पौधे हुआ करते थे, जिस कारण मौसम भी समय पर आते थे। अब वह क्लास फोर्थ में है। उसने 38वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण शिक्षा प्रदर्शनी में भी पार्टिसिपेट किया था। प्रदर्शनी में उसके मॉडल की खूब तारीफ हुई थी।

शादी में पेड़-पौधे का महत्व

इस बार रिया ने इससे पेड़-पौधों को शादी से जोड़ दिया है। इसमें बताया गया है कि किस तरह शादी में पेड़-पौधे का महत्व होता है। इंजीनियर बनने का ख्वाब संजोई रिया कहती है कि हर किसी को बेटी ही नहीं, बेटा होने पर भी पेड़ लगाना चाहिए। खुशी की बात यह कि नंदजी सिंह को देखकर आस-पास के लोग भी बेटी के नाम पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं। रिया की मम्मी सरिका की फ्रेंड ममता ने भी बेटी के जन्म पर पौधे लगाए हैं.