- सेंट्रल जेल रोड पर जेपी मेहता कॉलेज के पास से बच निकला 50 हजार का ईनामी बदमाश सोनू

-दो गुर्गे गिरफ्तार, एक स्कार्पियो बरामद, जांच में जुटी पुलिस

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

शातिर बदमाश सनी सिंह की एसटीएफ संग हुई मुठभेड़ में मौत के बाद उसके गैंग को संचालित कर रहा 50 हजार का ईनामी बदमाश मनीष सिंह उर्फ सोनू मंगलवार की शाम पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। जिसके बाद पूरे जिले की फोर्स और क्राइम ब्रांच घंटों हाथ पैर मारती रही लेकिन उसके हाथ सोनू नहीं लगा। इस दौरान पुलिस ने काले रंग की स्कार्पियो सवार उसके दो गुर्गो को पकड़ा है। पूछताछ में दोनों ने अपना नाम चौबेपुर के मुस्तफाबाद निवासी भानू प्रताप सिंह व चुकहां निवासी सुरेश कुमार जायसवाल बताया है। गाड़ी सीज करने के साथ पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। बरामद स्कार्पियो एक चर्चित प्रापर्टी डीलर की बताई गई है।

मुखबिरी थी सॉलिड फिर भी

क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इनामी बदमाश किसी से रंगदारी की रकम वसूलने जेल रोड पर आने वाला है। जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच व कैंट पुलिस ने जेपी मेहता मोड़ के पास घेरेबंदी की। इस दौरान काले रंग की स्कार्पियो आते देख पुलिस ने उसे रोकने के लिए असलहा ताना लेकिन स्कार्पियो रुकते ही उसमें से इनामी सोनू निकल कर भागा और पास में ही मौजूद एक प्राइवेट हॉस्पिटल में घुस गया। जबकि उसके दोनों गुर्गे पकड़ लिए गए। इस बीच एसएसपी आकाश कुलहरि व सीओ कैंट राजकुमार यादव भी पहुंच गए। अस्पताल सहित उसके बगल की बिल्डिंग में पुलिस ने लगभग एक घंटे तक तलाशी ली लेकिन ईनामी पीछे से निकल भागा।

भीड़ जुटी रही मौके पर

इस दौरान मौके पर भीड़ लग गई थी और लोग पुलिस को इतनी बड़ी संख्या बल में एक साथ देखकर तरह तरह बातें करने लगे। तभी अस्पताल और बगल की बिल्डिंग से फोर्स खाली हाथ बाहर आई और पता चला कि शातिर सोनू पुलिस के हाथ से फिसल गया। एसएसपी आकाश कुलहरि के मुताबिक मामला गंभीर था और सूचना भी सही थी लेकिन अपराधी हाथ से निकल गया लेकिन उसको पकड़ने के लिए टीम को लगा दिया गया है और जल्द ही पुलिस उसे धर दबोचेगी। फिलहाल पकड़े गए दोनों बदमाशों से पूछताछ की जा रही है।

-------------------

अंदर के लिए

बीमार पत्‍‌नी से बात करना बना मुसीबत

- सोनू की बीमार पत्‍‌नी से हो रही फोन पर उसकी बातचीत को क्राइम ब्रांच ने किया था ट्रेस

- इसके बाद ही हुई थी घेरेबंदी

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

पुलिस के घेरेबंदी को तोड़कर फरार हुए मनीष उर्फ सोनू को क्राइम ब्रांच ने कई दिनों की मेहनत के बाद ट्रेस किया था लेकिन एक छोटी सी चूक ने सब बिगाड़ दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोनू की पत्‍‌नी बीमार थी और उसको चेकअप कराने के लिए ही सोनू उसे लेकर अस्पताल जाने वाला था। इस बारे में उसने पत्‍‌नी से फोन पर बात की थी। जिसे क्राइम ब्रांच ने ट्रेस कर उसकी घेरेबंदी की थी लेकिन इसके पहले की वो पकड़ा जाता सोनू भाग निकला।

सनी के साथ भी था मौजूद

फरार शातिर सोनू वहीं बदमाश है जो पिछले दिनों कबीरचौरा अस्पताल में एसटीएफ संग हुई मुठभेड़ में सनी सिंह एनकाउंटर के वक्त मौके से भाग निकला था। लंका के नरोत्तमपुर गांव के शातिर मनीष सिंह उर्फ सोनू ने सनी सिंह के मारे जाने के बाद गिरोह की कमान संभाल ली थी। मनीष के खिलाफ हत्या, डकैती, लूट जैसे दर्जनों संगीन मामले लंका, चेतगंज, सिगरा, कैंट, चौबेपुर आदि थानों में दर्ज हैं।

पहले था 15 हजार का ईनाम

फरार हुए बदमाश सोनू पर पहले 15 हजार रुपये का ईनाम था लेकिन सनी सिंह मुठभेड़ के दौरान भागने पर पुलिस ने इसकी ईनाम धनराशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई थी। जिसके बाद से ये पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। कैंट में ही एक कारोबारी से रंगदारी मंागने में भी इसका नाम सामने आया था।

प्रॉपर्टी डीलर की कार से चलता था सोनू

पुलिस की इस कार्रवाई में ये साफ हुआ है कि शातिर सोनू शहर में टहलने और अन्य कामों के लिए एक प्रॉपर्टी डीलर की गाडि़यों का यूज करता था। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक जिस स्कार्पियो में शातिर मनीष सवार था वह एक चर्चित प्रापर्टी डीलर की है और उसका ठिकाना नदेसर स्थित एक बड़े कॉम्प्लेक्स में है। जहां से वह जमीन का कारोबार व साहूकारी का काम करता है। प्रॉपर्टी डीलर का संबध झांसी जेल में बंद एक माफिया से भी बताया गया है। सोर्सेज के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर के बढ़ते कद के कारण उसे लगातार धमकी मिल रही थी। जिससे बचने के लिए माफिया ने अपने ही नाम से धमकी देकर उसे सरकारी सुरक्षा मुहैया कराने में अहम रोल भी निभाया था।

किसकी चूक से हुआ फरार?

इस मुठभेड़ के दौरान एक घंटे से ज्यादा सर्च ऑपरेशन चला और फिर भी पुलिस कुछ न कर सकी। आखिर ऐसा क्यों हुआ? ये सवाल बड़ा है। क्राइम ब्रांच सोर्सेज की मानें तो सर्विलांस पर ट्रेस होने के बाद सोनू को सेंट्रल जेल रोड पर पकड़ने के लिए घेरेबंदी थी लेकिन इसके पहले ही कैंट पुलिस ने पहले ही उसे घेर लिया। जिसके कारण वो भाग निकला।