- सिगरा में ईनामी बदमाश आशीष की मौत को दादा ने सुसाइड मानने से किया इनकार

-घटना के बाद फरार हुआ साथी विक्रांत समेत कुछ पट्टीदारों पर लगाया हत्या का आरोप, दर्ज हुआ केस

VARANASI: पूरे पूर्वाचल में आतंक का पर्याय बने पचास हजार के ईनामी बदमाश आशीष चौबे की मौत ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। कल तक पुलिस जिस मौत को आत्महत्या बताकर मामले को दबाने में जुटी थी। शुक्रवार को उसी ने आशीष की हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल मऊ से गुरुवार की देर रात बनारस पहुंचे आशीष के बाबा रामराज चौबे ने आरोप लगाया कि उनके पोते की हत्या हुई है। हत्या करने वाला उसका साथी बारह हजार का ईनामी बदमाश विक्रांत यादव निवासी मऊ ही है। इस आरोप के बाद ही विक्रांत के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में शुक्रवार शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई।

रामराज चौबे का कहना है कि मऊ में पट्टीदारों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। पट्टीदारों ने ही विक्रांत को सुपारी दी थी। विक्रांत ने ही साजिश रचकर आशीष की हत्या कर दी। रामराज चौबे ने अपने आरोप को पुख्ता करने के लिए कहा कि जयप्रकाश नगर में विक्रांत ही रहता था और पुलिस को प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि आशीष पहले आता था और एक दो दिन बाद चला जाता था लेकिन इस बार वह पंद्रह दिनों तक यहां मौजूद था। शराब के नशे में धुत होने के बाद भी विक्रांत इतनी रात को आखिर उसे कहां ले जाना चाह रहा था? इसकी जांच होनी चाहिए

बढ़ा दीं धाराएं

सिगरा पुलिस ने शुक्रवार को आशीष के बाबा की तहरीर पर मुकदमे में साजिश रच हत्या करने की धारा बढ़ा दी। इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने विक्रांत के खिलाफ यह मुकदमा कायम किया था कि उसी के उकसाने पर आशीष ने खुद को गोली मारी थी। पुलिस ने विक्रांत की तलाश शुरू कर दी गई है। एसएसपी के आदेश पर दो टीमें आजमगढ़, गाजीपुर समेत अन्य जिलों में भेजी गई हैं।

पीएम रिपोर्ट के बाद फंसी पुलिस

इनामी बदमाश आशीष चौबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट शुक्रवार देर रात सिगरा थाने पहुंची। रिपोर्ट में आशीष चौबे को गोली बाएं कान के पीछे लगी थी जो उसके दाहिने भौं के ऊपर से निकल गई थी। जबकि खुद को गोली मारने वाला दाहिने हाथ में असलहा थामता है। इससे मामला यह उलझ गया है कि क्या आशीष लेफ्टी था? वहीं पुलिस का दावा है कि आशीष दोनों हाथ से हथियार चलाने में माहिर था। फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स का भी दावा है कि आशीष ने आत्महत्या ही की थी। गोली के शरीर में घुसने और निकलने के स्थान इस दावे को पुख्ता कर रहे हैं। वहीं आशीष की मौत के बाद हत्यारोपी बनाया गया विक्रांत भी गैंग-डी (9) गिरोह का ही मेंबर है जिसका संचालन सुजीत सिंह बुढ़वा की गिरफ्तारी के बाद आशीष ही कर रहा था। विक्रांतपर भी पूर्वांचल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स में एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। क्ब् मार्च को मऊ के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के देवखरी मोड़ पर सपा कार्यकर्ता रवि मौर्य की हुई हत्या में भी पुलिस ने आशीष चौबे व विक्रांत यादव दोनों को आरोपी बनाया है।