BAREILLY :

केस- 1

पटेल बिहार निवासी अखिलेश 10 वीं के स्टूडेंट्स हैं। अगस्त में एग्जाम फार्म भरे जाने हैं। जिसमें उन्हें आधार भी देना है। पिछले चार दिनों से विकास भवन, तहसील के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन आधार नहीं बन सका। अखिलेश चौकी चौराहा स्थित केनरा बैंक भी पहुंचे थे, लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। आधार बना रहे कर्मचारी का कहना था कि आपने टोकन नहीं लिया है इस वजह से आधार नहीं बनेगा।

 

केस - 2

बहेड़ी इटौउआ के रहने वाले लालाराम अपने पिता मेवाराम का आधार बनवाने के लिए दो दिन से शहर के चक्कर लगा रहे हैं। लालाराम ने बताया पिता का बैंक अकाउंट खुलवाना है इसके लिए आधार की जरूरत है। दो दिन इनका आधार कार्ड इसलिए नहीं बन सका कि वह बैंक सुबह 10.15 पहुंच कर टोकन नहीं ले सके। जिसके चलते बुजुर्ग पिता को लेकर शहर दौड़ना मुश्किल भरा रहा। पैसे के साथ समय की भी बर्बादी हुई। दो दिन के बाद किसी तरह आधार बन सका।

 

यह परेशानी सिर्फ अखिलेश व लालाराम के साथ ही नहीं हैं। बल्कि, सैकड़ों लोग इस समस्या से रोजाना दो-चार हो रहे हैं। बैंकों के टोकन सिस्टम के फेर में लोगों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। उधर, प्रशासन द्वारा जो आधार सेंटर्स ओपेन करवाए गए हैं, वह पिछले एक महीने से बंद चल रहे हैं। जिसके कारण समस्या और बढ़ गई है। समय और रुपए दोनों की बर्बादी हो रही है।

 

मात्र 15 मिनट दे रहे टोकन

गवर्नमेंट ने प्राइवेट सेंटर बंद करवाते हुए सभी सरकारी विभागों को आधार कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत विकास भवन, तहसील, बैंक, पोस्ट ऑफिस समेत तमाम सरकारी ऑफिसों में आधार कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था की गई है। बैंकों ने अपना नया नियम बना लिया है। उन्होंने नया आधार बनवाने, करेक्शन करवाने, अपडेट करवाने से पहले टोकन लेने की व्यवस्था लागू कर दी है। वह भी मात्र 15 मिनट टोकन दे रहे हैं। सुबह 10 से 10.15 तक टोकन नहीं लेने पर लोगों को लौटा दे रहे हैं।

 

बैंक दे रहे अपना तर्क

इस बारे में बैंकों का तर्क है कि सिस्टम स्लो चल रहा है। पूरे दिन में किसी तरह 10 से 15 लोगों के ही आधार कार्ड बन पा रहे हैं। जिस वजह से टोकन की व्यवस्था की गई है। वहीं सिक्योरिटी का भी डर है। क्योंकि, बैंक के अंदर अधिक लोगों के आने से सिक्योरिटी का खतरा उत्पन्न हो जा रहा है। समय ज्यादा लगने पर लोग मारपीट और झगड़ा करने के लिए उतारू हो जा रहे हैं। जिस वजह से एक लिमिट में ही लोगों को एंट्री दी जा रही है।

 

यहां लटके पड़े हैं ताले

एक तरफ जहां बैंकों के टोकन के फेर में लोगों के आधार नहीं बन पा रहे हैं। वहीं बाकी जगहों पर सर्वर ठप पड़े हैं। तहसील में बने सेंटर पर पिछले एक महीने से ताला लटका हुआ है। वहीं विकास भवन में बना आधार सेंटर खुल तो रहा है, लेकिन सर्वर ठप पड़ा हुआ है। यहां पर एक महीने से नया आधार कार्ड बनाने का काम नहीं हुआ है और न ही आधार में करेक्शन और अपडेशन का कोई कार्य हुआ है।

 

आधार कार्ड के लिए डॉक्यूमेंट

- फोटो आईडी और एड्रेस प्रूफ।

- पहली बार आधार बनवाना है निशुल्क।

- 30 रुपए आधार कार्ड में किसी प्रकार के संशोधन की फीस है।

 

बिना टोकन ज्यादा भीड़ हो जाती है। लोग जल्दबाजी करते हैं। चूंकि सिस्टम ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है, तो आधार बनाने में दिक्कत होती है। कई बार लोग मारपीट को उतारू हो जाते है। इस बात को लेकर लीड बैंक को लिखा है।

रश्मि शर्मा, ब्रांच मैनेजर, केनरा बैंक

 

मैं फिलहाल शहर से बाहर हूं। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि बैंक टोकन से आधार बना रहे है। यदि, सिक्योरिटी की चिंता है, तो बैंक में गार्ड तो तैनात होते ही हैं। शहर आने पर देखता हूं।

ओपी वढेरा, मैनेजर, लीड बैंक, बीओबी