डीबीटीएल का नाम रखा गया पहल

पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक इस विकल्प को इसलिए दिया जा रहा है कि अभी भी लाखो की संख्या में लोग आधार कार्ड से वंचित हैं. इस योजना को भले ही पिछली यूपीए सरकार ने शुरू किया हो. लेकिन अब 'डीबीटीएल' का नाम बदलकर 'पहल' रखा गया है. इस योजना से आधार की अनिवार्यता को हटाने के लिए इसे संशोधित किया गया ताकि जिनके पास आधार संख्या नहीं भी है तो वे सब्सिडी से वंचित नहीं रहे. ग्राहकों की समस्याओं के बारे में जानकारी लेने के लिए उन्होंने अपने मोबाइल फोन से लुधियाना के एक व्यक्ति को कॉल किया. जिसने मंत्रालय की वेबसाइट पर नकद सब्सिडी नहीं मिलने की शिकायत की थी. उसके बाद उन्होंने बुकिंग और डिलीवरी स्थिति के बारे में भी औचक जानकारी हासिल की.

जनवरी से पूरी देश में लागू होगी स्कीम

15 नवंबर को देश के 54 जिलों में इस नई योजना को लागू किया गया. इसके बाद जनवरी से यह नियम देशभर में शुरू किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लीकेज रोक सकेगी. हालांकि जो उपभोक्ता इस योजना जनवरी तक नहीं जुड़ पाएंगे, उन्हें तीन महीने का ग्रेस पीरियड मिलेगा. इस दौरान उन्हें सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलेंगे. इसके बाद उन्हें तीन महीने का और पार्किंग पीरियड तो जरूर मिलेगा लेकिन उन्हें सिलेंडर मार्केट रेट पर खरीदना होगा. हालांकि बाद में इन तीन महीनों में उन्होंने जितने सिलेंडर का इस्तेमाल किया था उनकी सब्सिडी उनके खाते में भेज दी जाएगी. इसके अलावा अब http://www.mylpg.in पर हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी ली जा सकेगी.

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