-अब सरकारी हॉस्पिटल्स में होम्योपैथ पद्धति से इलाज कराने वालों को ले जाना होगा आधार कार्ड भी

-ओपीडी पर्ची पर होगी मरीजों की फोटो, आधार नंबर व मोबाइल नंबर

-पेशेंट्स के डेटा से पता चलेगा ओपीडी में मौजूद थे चिकित्सक या नहीं

अब सरकारी हॉस्पिटल्स में होम्योपैथ पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों को आधार कार्ड भी लेकर जाना होगा। क्योंकि मरीजों के आधार कार्ड के जरिये ही ओपीडी में मौजूद चिकित्सकों की उपस्थिति दर्ज मानी जाएगी। एक अप्रैल से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। इस संबंध में होम्योपैथ मुख्यालय ने वाराणसी समेत प्रदेश के सभी आयुष विभाग को पत्र जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज के ओपीडी पर्चे से आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। इसके साथ ही ओपीडी पर्ची पर मरीजों के मोबाइल नंबर दर्ज करते हुए फोटो भी लगाई जाए।

ऑनलाइन होगी व्यवस्था

इस व्यवस्था के लिए होम्योपैथ विभाग के सभी ओपीडी को ऑनलाइन सिस्टम से लैस किया जाएगा। ताकि उसके जरिए मरीजों की डिटेल ऑनलाइन फीड की जा सके। फीडिंग के बाद लखनऊ में बैठे अधिकारी भी मरीज के इलाज से संबंधित जानकारी ले सकेंगे। इसके जरिए अधिकारी ये भी पता कर सकेंगे कि हॉस्पिटल में चिकित्सक मरीज से मिले थे या नहीं। चिकित्सक कितने बजे ओपीडी पहुंचे और इलाज की शुरुआत कितने बजे हुई आदि की भी जानकारी ले सकेंगे।

क्या होगी व्यवस्था

हॉस्पिटल या डिस्पेंसरी पहुंचे मरीजों को अपने आधार कार्ड के साथ मोबाइल भी रखना होगा। क्योंकि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन होने के कुछ देर बाद मुख्यालय से मरीज के पास अधिकारी का कॉल भी आ सकता है। इसके अलावा ओपीडी स्लिप पर मरीज की फोटो भी लगाई जाएगी। इसके लिए मरीजों को फोटो लाने की जरूरत नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर खड़े होते ही मरीज की फोटो वेब कैम से ले ली जाएगी।

फोटो भी ग्रुप पर चलेगी

यही नहीं ओपीडी में मरीजों की जो संख्या होगी, वाट्सएप ग्रुप पर उसका फोटो भी अपलोड करना होगा। जिससे कि मरीजों के क्राउड का पता चल सके। इस ग्रुप में होम्योपैथ के स्थानीय व मुख्यालय के आला अधिकारी होंगे। अधिकारियों के मुताबिक हर दो घंटे में वाट्सएप ग्रुप को अपडेट करना होगा।

मुश्किलें भी आएंगी

जानकारों का कहना है कि चिकित्सकों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था तो अच्छी है। लेकिन इसका सक्सेस होना आसान नहीं है। जिले में देहात तो दूर शहर के भी किसी एक होम्योपैथिक क्लिनिक में ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इन क्लिनिक्स में यह व्यवस्था कितना और कैसे सफल होगी यह कहना मुश्किल है।

होम्योपैथ में मरीजों का विश्वास बढ़ रहा है। इसलिए ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। चिकित्सकों व मरीजों के बीच पारदर्शिता लाने के लिए ओपीडी स्लिप पर आधार कार्ड का नंबर व मोबाइल नंबर लिखने के साथ मरीज की फोटो लगाई जाएगी। एक अप्रैल से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।

डॉ। आरपी सिंह, डीएचओ होम्योपैथ