RANCHI: झारखंड में बड़े पैमाने पर होने वाली ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आधार कार्ड लगाम कसेगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया(यूआईडीएआई) रांची समेत राज्य भर के तमाम लोगों का आधार कार्ड बनाने का काम कर रही है। इसके तहत अनाथालयों के बच्चों से लेकर रोड पर भीख मांगने वाले बच्चों का भी आधार कार्ड बनेगा। इससे सभी लोगों की पहचान मुमकिन हो सकेगी। इसमें वैसे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने परिवार से बिछड़ गए हैं। साथ ही आधार कार्ड बनने से वे क्रिमिनल्स भी पकड़ में आ सकते हैं, जो अपना हुलिया बदलकर पुलिस को चकमा देते हैं।

बिछड़े बच्चे परिवार से मिल पाएंगे

यूआईडीएआई के अधिकारियों के मुताबिक, अनाथालयों में आधार बनाने पर यदि किसी की उंगलियों की छाप लेते समय आवेदन रद हो जाता है, तो साफ है कि उस बच्चे का देश में कहीं न कहीं आधार कार्ड बना है। ऐसे में उसकी उंगलियों की पहचान के जरिए उसका पहले का एड्र्रेस पता चल जाएगा। इसके बाद बच्चा अपने परिवार से दोबारा मिल सकेगा।

भीख मांग रहे बच्चे पहुंचेंगे अपने घर

रांची की सड़कों पर भी बहुत सारे बच्चे भीख मांगते नजर आते हैं। वे कहां से हैं। उन्हें कौन यहां लेकर आया है किसी को कोई जानकारी नहीं रहती है। इन लोगों का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा। हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जब आधार के जरिए बच्चे वापस अपने परिवार से मिल पाए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि कई बार बच्चों का अपहरण कर या उन्हें बरगला कर दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता है। इस मानव तस्करी से कई बच्चे भिखारी गैंग के हत्थे चढ़ जाते हैं। सभी भिखारियों का यदि आधार बनाया गया तो जबरन भीख मांगने के धंधे में धकेले गए बच्चे वापस अपने परिवार को मिल सकेंगे। बशर्ते उसका पहले आधार बना हो।

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फ्क् अगस्त से सरकारी भवनों में बनेगा आधार

आधार कार्ड बनाने वाली कई एजेंसियों ने घपले भी किये थे। इस कारण कई एजेंसियों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए हैं। आधार कार्ड बनाने में निचले स्तर पर कुछ एजेंसियों द्वारा किए घपले को देखते हुए सरकार आधार बनाने का समूचा कार्य जल्द सरकारी भवनों में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है। फ्क् अगस्त के बाद आधार कार्ड केवल सरकारी भवनों या सरकार के नियंत्रण वाले भवनों में ही बन सकेंगे।

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मृतक का आधार कार्ड नहीं होता रद

आधार से जुड़ी एक अहम जानकारी यह भी है कि किसी भी मृत व्यक्ति का आधार कार्ड रद नहीं किया जाता। यानी उसका रिकार्ड डाटा बैंक में च्यों का त्यों बरकरार रहता है। किसी व्यक्ति द्वारा यह गलत फ ायदा उठाने की कोशिश की जाती है, तो वह आसानी से पकड़ा जाएगा। बाद में यदि वह अपना आधार कार्ड बनवाने की कोशिश करता है, तो पुराने रिकार्ड में दर्ज उंगलियों आदि के निशान के कारण वह तुरंत पकड़ में आ सकता है।