ओलीडीह थाना एरिया स्थित वीर कुंवर सिंह रोड में पिता की प्रताडऩा से तंग आकर बेटी ने आग लगाकर जान दे दी। उसे बचाने गई उसकी मां भी गंभीर रूप से झुलस गई। गंभीर रूप से झुलसी महिला को इलाज के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने पिता को अरेस्ट कर लिया है।

भरा पूरा परिवार था राम समुज  का
कुंवर सिंह पथ में राम समुज प्रसाद वर्मा रहते हैैं। उनकी 4 पुत्रियां व 1 पुत्र है। उन्होंने तीन पुत्रियों व पुत्र की शादी कर दी है। घर में एकमात्र संध्या बची थी जिसकी शादी नहीं हुई थी। इसके अलावा घर में उनकी वाइफ विद्या देवी व बहु पिंकी के साथ उनका पुत्र संजय रहता था। राम समुज वर्मा टिनप्लेट कंपनी में काम करते थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं।

 खुद को लगायी आग, मौत
गाली-गलौज से गुस्सा होकर संध्या कुमारी (19) कमरे में गई व अपने शरीर में आग लगा ली। जलने के कारण जब वह चिल्लाने लगी तो उसकी मां  उसे बचाने उसके कमरे में गई। उन्हें बचाना तो दूर राम समुज वर्मा ने घर के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया। इस कारण गंभीर रूप से जलने के कारण संध्या की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी मां विद्या देवी गंभीर रूप से झुलस गई।

विद्या देवी टीएमएच रेफर
आस-पास के लोगों को जानकारी मिली तो वे पहुंचे व दरवाजा खोलकर विद्या देवी को बाहर निकाला। उसे तत्काल इलाज के लिए एमजीएम हॉस्पिटल लाया गया। डॉक्टर्स के मुताबिक विद्या देवी लगभग 85 परसेंट जल चुकी हैैं। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर ट्रीटमेंट के लिए उन्हें टाटा मेन हॉस्पिटल रेफर किया गया है।

पति के कारण बेटी की हुई मौत
एमजीएम हॉस्पिटल पहुंची विद्या देवी ने बताया कि सारी घटना की जड़ उसके हसबेंड हैैं। उनके कारण घर का माहौल पूरी तरह से टेंशन में रहता था। वे हर वक्त गाली-गलौज करते रहते थे। उन्होंने कहा कि उनके पति के कारण ही उनकी पुत्री की मौत हो गई है और वह भी जल गई है।

बहु के साथ करते थे गाली गलौज
राम समुज प्रसाद वर्मा की बहु पिंकी की कुछ दिनों पहले ही डिलेवरी हुई थी। उसके ससुर उसके साथ भी अक्सर गाली-गलौज करते थे। इस बात का विरोध उसकी ननद व सास करती थी। ट्यूजडे को भी इसी तरह के हुए मामले के बाद यह घटना हो गई। घटना के वक्त वह अपने नवजात पुत्र के साथ थी, अन्यथा उसके साथ भी हादसा हो जाता।

भाई का रो-रो कर था बुरा हाल
एमजीएम हॉस्पिटल में विद्या देवी के पुत्र संजय का रो-रोकर बुरा हाल था। वह कहीं भी बैठ जाता व रोने लगता। वह अपनी बहन की मौत व मां की हालत को देख काफी परेशान था। हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही संजय के दोस्त हॉस्पिटल पहुंचे व उसे सांत्वना दी।

एसएसपी भी पहुंचे मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी अखिलेश कुमार झा, एएसपी राजीव रंजन सिंह के अलावा मानगो, ओलीडीह व अन्य थाना की पुलिस मौक पर पहुंची। पुलिस ने मामले की जांच की व घर के लोगों के साथ ही आस-पास के लोगों से भी पूछताछ की।

पड़ोसियों ने छप्पर तोडक़र   बुझायी आग
आग लगते ही छप्पर के घर की छत से धुंआ निकलने लगा। इसके बाद पड़ोसियों ने छत पर चढक़र खपड़े को लाठी व बांस से फोड़ दिया। इसके बाद छत पर से ही नीचे पानी गिराया जा रहा था ताकि आग बुझ जाए, इस लेकिन जब तक आग बुझ पाती संध्या की जलकर मौत हो चुकी थी।

इस दौरान संध्या के घर के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।

रामसमुज बहु व बेटी पर करते थे शक

घटना के बाद उनकी बहु पिंकी बार-बार कह रही थी कि उसके ससुर राम समुज प्रसाद वर्मा, घर की औरतों के कैरेक्टर पर बिना वजह शक करते रहते थे। इसे लेकर वे हमेशा घर में गाली गलौज करते रहते थे, जिससे तनाव का माहौल बना रहता था। बहु का कहना था कि उसके ससुर शराब भी पीते थे और नशे में आकर गंदी-गंदी गालियां देते थे। इससे घर के लोग काफी परेशान थे। इसके बावजूद किसी तरह सभी घर में रह रहे थे।

संध्या की मां ने बयान दिया है कि पिता की प्रताडऩा से तंग आकर ही उनकी पुत्री ने खुद को जलाया और उसे बचाने के क्रम में वह झुलस गई। पीडि़ता के बयान के आधार पर उसके पति को अरेस्ट कर लिया गया है। उसे जेल भेजा जाएगा।
राजीव रंजन सिंह,  एएसपी