-शिशुओं को कुपोषण से मुक्त करने के लिए बच्चों की दादी व नानी को मातृ समिति में किया जा रहा शामिल

सरकार शिशुओं को कुपोषण से मुक्त करने के लिए एक नया कदम उठाया है. शासन के निर्देश पर शिशुओं के पोषण को मजबूत बनाने के लिए बच्चों की दादी और नानी को मातृ समितियों में शामिल किया जा रहा है. बता दें कि हाल में शासन की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच के लिये नई मातृ समितियों के गठन का निर्देश दिया गया था. इस समिति में उन महिलाओं को शामिल किया जा रहा है जिनके बच्चे आंगनबाड़ी सेंटर में पंजीकृत हैं. महिला व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि मातृ समितियों को सक्रिय करने के लिये उनका पुनर्गठन किया जायेगा.

एक समिति में 7 से 12 महिलायें

हर समिति में 7 से 12 महिलायें शामिल की जा रही हैं. जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू वर्मा ने बताया कि जिले में 3,914 आंगनबाड़ी सेंटर हैं जहां मातृ समिति का गठन किया जा रहा है. इसमें बच्चों की दादी या नानी को जोड़ा जा रहा है. इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री दादी और नानी की काउंसलिंग करके शिशुओं के पोषण में होने वाली गड़बड़ी को दूर कर सकेंगी. इसके लिये घर की बुजुर्ग महिलाओं को शिशु, किशोरी और गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिये जानकारी भी दी जायेगी.