एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम पटना पहुंची
मंगलवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल एग्जक्यूटिव डायरेक्टर मनोहर लाल लेखरा ने इसकी जानकारी दी। लेखरा के साथ एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट के जीएम पी के जैन और एएआई सेंट्रल हेडक्वार्टर के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर आरसी शर्मा भी थे। पटना जू में पेड़ों की छंटाई और कटाई को लेकर विवाद के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम पटना पहुंची थी।

पेड़ों की छंटाई में ऑब्जेक्शन नहीं
एएआई के रीजनल एग्जक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि पेड़ों की कटाई की बात कभी नहीं थी। हां, छंटाई को लेकर शुरू से चर्चा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी को कोई ऑब्जेक्शन नहीं होना चाहिए। इसके पूर्व दोपहर के एक बजे से लेकर देर शाम तक एयरपोर्ट और स्टेट गवर्नमेंट के अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग चलती रही। इस मीटिंग में स्टेट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन डीके शुक्ला, चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर एसएस चौधरी और पटना जू के डायरेक्टर अभय कुमार समेत कई लोग मौजूद थे। इस्टर्न रीजन भूवनेश्वर से एडिश्नल प्रिंसपल चीफ कंजर्वेटर फॉरेस्ट सेंट्रल जीके तिवारी भी इस मीटिंग में थे।

टर्मिनल का होगा एक्सपेंशन
पटना एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की भीड़ को देखते हुए टर्मिनल का एक्सपेंशन होगा। रीजनल एग्जक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि एयरपोर्ट पर दूसरी तरफ टर्मिनल का एक्सपेंशन किया जाएगा। अगले तीन-चार महीने में यह काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट कॉलोनी को भी एयरपोर्ट प्रीमाइसेज से अनिसाबाद में शिफ्ट किया जाएगा। कार पार्किंग एरिया आदि भी शिफ्ट होंंगे।

लाइसेंस रिन्युअल का नहीं मिला जवाब
पटना एयरपोर्ट के लाइसेंस का टर्म 30 जून 2012 को समाप्त हो चुका है। डीजीसीए ने इसके लाइसेंस का रिन्युअल नहीं किया है। इसी को लेकर कयास लगना शुरू हुआ था कि पटना एयरपोर्ट बंद हो जाएगा। एग्जक्यूटिव डायरेक्टर मनोहर लाल भी इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। उन्होंने मीटिंग का हवाला देकर इससे पल्ला झाड़ लिया।

पेश किया पावर प्रजेंटेशन
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसरों ने इस मौके पर जू के रेस्ट हाऊस में आयोजित मीटिंग में  पेड़ों से होनेवाले खतरों को लेकर पावर प्रजेंटेशन दिया। इसमें दिखाया गया कि कैसे ऊंचे पेड़ों से फ्लाइट्स को खतरा है। इसके अलावा स्टेट गवर्नमेंट के साथ अब तक के हुए पत्राचार को भी पावर प्रजेंटेशन में दिखाया गया।

रिस्टिक्टेड जोन में कारें
पटना जू में रिस्टिक्टेड जोन में भी अफसरों की कारें बेरोक-टोक दौड़ती रहीं। एक दो नहीं, करीब आधे दर्जन कारों का काफिला जू के अंदर चारों ओर सरपट दौड़ता रहा। तमाम सीनियर अफसर ही वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे, जबकि बैटरी ऑपरेटेड इको फ्रेंडली कई कारें जू में अवेलेबल हैं।

नालंदा शिफ्ट करने पर एतराज नहीं
यदि पटना एयरपोर्ट को नालंदा शिफ्ट किया जाता है, तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को कोई एतराज नहीं है। एग्जक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि दूरी कोई मायने नहीं रखती है। अमूमन हर शहरों में एयरपोर्ट मेन टाउन से 100-150 किलोमीटर की दूरी पर ही होता है.

कॉरेस्पोंडेंस विथ स्टेट गवर्नमेंट
21 जुलाई 2010 - कैबिनेट सेक्रेटरी, गवर्नमेंट ऑफ बिहार - बताया गया कि डीजीसीए के इंस्पेक्शन के बाद पटना एयरपोर्ट को क्रिटिकल डिक्लियर किया गया है।
4 अगस्त, 2010 - डीजीसीए द्वारा स्टेट के चीफ सेक्रेटरी को बताया गया कि 31 अगस्त तक कार्रवाई नहीं हुई, तब पटना एयरपोर्ट केवल छोटे एयरक्राफ्ट के ऑपरेशन के लायक रह जाएगा।