आप बना रही है ऑटो चालकों को बेवकूफ

संजय चावला का कहना है कि जब उनसे पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने ऑटो के पीछे पोस्टर लगाने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि ऑटो चालकों के लिए भी पार्टी को कुछ ठोस घोषणाएं करनी चाहिए. चावला का आरोप है कि इस पर दिलीप पांडेय ने जवाब दिया कि ऑटो चालक जितने ज्यादा परेशान होंगे पार्टी को उतना ही ज्यादा फायदा होगा.चावला के अनुसार, पांडेय ने कहा कि ऑटो चालकों को बेवकूफ बनाओ और राजनीति करो. चावला ने कहा कि वह यह सुनकर हैरान रह गए और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के मोबाइल पर संदेश देकर बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन केजरीवाल की ओर से कोई जवाब नहीं आया. चावला का आरोप है कि फेल साबित हुए सौरभ भारद्वाज को पार्टी ने इस बार फिर टिकट दिया है.

केजरीवाल ने कोई वादा नहीं किया पूरा

चावला ने कहा कि ऑटो चालकों की बुराड़ी में हुई जनसभा में उनसे जो वादे किए गए, उन्हें पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में ऑटो पर पोस्टर लगाने के कारण ढाई लाख ऑटो का चालान हुआ. 6500 परमिट रद कर दिए गए लेकिन पार्टी ने कुछ नहीं किया. जबकि केजरीवाल ने कहा था कि ऑटो चालकों के लिए लीगल सेल बनाई जाएगी और उनके लिए मुफ्त वकील दिए जाएंगे. वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि संजय चावला की गतिविधियां संदेहास्पद थीं. ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि वह भाजपा के लिए काम कर रहे हैं. इसके बाद उनकी जिम्मेदारी कम कर दी गई थी. इससे वह नाराज चल रहे थे.

कबाड़ में बेच दिए टिफिन और पोस्टर

संजय चावला ने कहा है कि पार्टी ने केजरीवाल सरकार के 49 दिन के विकास कार्यो के पोस्टर छपवाए थे, मगर किसी कारणवश ये पोस्टर नहीं लगाए जा सके. इन्हें पटेल नगर कार्यालय में कबाड़ी को बेच दिया गया और पैसे की बर्बादी की गई. उन्होंने खुलासा किया कि ये पोस्टर 14 लाख 75 हजार रुपये में छपवाए गए थे लेकिन इन्हें कबाड़ में 20 हजार रुपये में बेच दिया गया. इन पोस्टरों में केजरीवाल सरकार के 49 दिन की मोदी सरकार के छह माह के कार्यकाल से तुलना की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि खाने के टिफिन से लेकर अन्य कई प्रकार के मामलों में पार्टी के पटेल नगर कार्यालय में घपले किए जा रहे हैं.

विस चुनाव में जमकर किया था प्रचार

गौरतलब है कि संजय चावला आप के गठन के समय से ही पार्टी से जुड़ गए थे. चावला ऑटो चालकों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करते रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में ऑटो चालकों के माध्यम से उन्होंने पार्टी के चुनाव प्रचार को गति प्रदान की थी. पूरी दिल्ली में ऑटो के पीछे पोस्टर चस्पा करने का जिम्मा उनके ही कंधों पर था, लेकिन इस बार चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

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