- किसी ने कहा, अच्छा तो किसी ने कहा, उम्मीद से कम रहा बजट

- हर फील्ड के एक्सप‌र्ट्स ने शेयर किए अपने कमेंट्स

- इकोनॉमिक एक्सपर्ट ने बताई बजट की बारीकियां

LUCKNOW: नई सरकार ने आम बजट पेश कर दिया। बजट में कॉमन मैन के लिए कुछ अच्छी तो कुछ कॉमन बातें निकल कर आई। आई नेक्स्ट के साथ फाइनेंस मिनिस्टर वर्सेज होम मिनिस्टर प्रोग्राम में शामिल होने आए अपनी-अपनी फील्ड के एक्सप‌र्ट्स ने बजट से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की। हर किसी ने खरी-खरी कही। किसी ने कहा कॉमनमैन के लिए बजट असरदार नहीं तो किसी ने कहा कि आम आदमी को सरकार ने आम आदमी पार्टी समझकर बजट पेश कर दिया। दो घंटे तक चली बहस में एक बात निकलकर आई कि सरकार की कुछ पॉलिसी गरीबों को टच कर रही है जबकि सैलरी क्लास बजट से निराश है।

महंगाई रहा सबसे बड़ा मुद्दा

अलग-अलग फील्ड के लोगों के बीच परिचर्चा शुरू हुई तो सबसे अहम मुद्दा था महंगाई का। एक तरफ सरकारी आंकड़े महंगाई को कम होने का दावा कर रहे हैं जबकि कॉमन मैन का कहना है कि इस बजट से महंगाई कम नहीं होगी बल्कि बढ़ेगी। सर्विस टैक्स को क्ख्.फ्म् प्रतिशत से बढ़ाकर क्ब् प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा ख् प्रतिशत सरचार्ज अलग से है। मतलब रेस्टोरेंट में खाना हो या फिर टीवी या मोबाइल बिल हर चीज महंगी हो जाएगी।

बीमा स्कीम में जताई खुशी

चर्चा में इस बजट में गरीब और कॉमनमैन के लिए बस एक स्कीम को गुड स्कीम कहा गया। वह है प्रधानमंत्री सुरक्षा स्कीम और जीवन ज्योति बीमा। केवल क्ख् रुपए साला प्रीमियम में ख् लाख का दुर्घटना बीमा और जीवन ज्योति में क्8 से भ्0 साल के लोगों को फ्फ्0 रुपये सालाना प्रीमियम पर ख् लाख का जीवन बीमा दिया जाएगा। यह स्कीम पब्लिक को बजट से जोड़ रही है।

सैलरी क्लास ने जताई नाराजगी

बजट ख्0क्भ्-क्म् सत्र में जारी गाइडलाइन के मुताबिक इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव न होने से सैलरी क्लास में नाराजगी है। उनका मानना है कि स्लैब में अभी तक ढाई लाख सालाना इनकम पर टैक्स की छूट मिलती थी। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इसे बढ़ाकर तीन लाख कर सकती है लेकिन बदलाव न होने से वह नाखुश है। कॉमनमैन का मानना है कि पेंशन फंड में निवेश पर छूट अब एक लाख से बढ़ाकर क्.भ् लाख कर दी गई है। इससे फायदा अमीरों को ही होगा क्योंकि पांच लाख रुपये सालाना आय पर बचत ही नहीं होती है। निवेश कैसे करेंगे?

क्या सस्ता और क्या महंगा

बजट में जो सस्ता किया गया है वह डेली यूज में नहीं है और जो महंगा किया गया है वह कॉमनमैन की परडे जरूरतों में शामिल है। पानी की बोतल हो या फिर ऑनलाइन टिकट, मोबाइल बिल हो या फिर गैजेट सबकुछ महंगा है जबकि एक हजार से कम के चमड़े के जूते सस्ते किए गए हैं। साथ ही, एलईडी, एंबुलेंस सर्विस, इंडिया मेड ओवन जिसकी जरुरत कॉमनमैन को रूटीन में नहीं पड़ती है।