इसके साथ हाल-फ़िलहाल एक और विवाद तब जुड़ा जब जितेन ठुकराल और सुमीर टागरा नाम के कलाकारों ने 'बोस डीके' नाम पर ट्रेडमार्क का मुद्दा उठाया था और कहा था कि ये नाम वो दोनों अपनी प्रदर्शनियों के लिए कई सालों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। अब आमिर ख़ान ने इन दोनों कलाकारों से सुलह कर ली है और अपनी फ़िल्म से जुड़े इस विवाद को सुलझा लिया है.

आमिर ने कहा, "मुझे इस मसले के बारे में क़रीब एक हफ़्ते पहले ही मालूम चला जब मुझे 'ठुकराल और टागरा' ने एक नोटिस भेजा। इन्होंने मुझे बताया कि वो मुझसे नाराज़ थे क्योंकि 'बोस डीके' नाम का इस्तेमाल वो पहले से कर रहे थे."

"लेकिन अब हमने इस मसले को सुलझा लिया है। कभी-कभी रचनात्मक लोग एक जैसा सोचते हैं." आमिर ने माना कि 'बोस डीके' ठुकराल और टागरा का लेबल है और वो इसे अपनी नहीं बताना चाहते। लेकिन उनकी फ़िल्म का गाना असल में 'डीके बोस' है.

आमिर ने कहा कि ये पूरा मसला एक नाकारत्मक तरीक़े से शुरु हुआ लेकिन अब एक साकारत्मक ढंग से ख़त्म हो चुका है.

जितेन ठुकराल और सुमीर टागरा ने कहा कि उन्होंने ये मसला इसलिए उठाया क्योंकि वो अपने काम की पहचान के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते थे। उन्होंने आमिर से इस बारे में बात की और आमिर ने बात को पूरी तरह समझा.

आमिर ख़ान का कहना है कि उनकी निर्माता के तौर पर नई फ़िल्म 'डेली बेली' को उसकी आपत्तिजनक भाषा के बावजूद काफ़ी सराहा जा रहा है। आमिर ने कहा, "मैंने शुरु से ही सबसे कहा है कि फ़िल्म में ऐसी भाषा का प्रयोग किया गया है और इसलिए जिसको इससे तक़लीफ़ हो वो ये फ़िल्म न देखे."

यही वजह है कि मैंने इस फ़िल्म के लिए 'ए' सर्टिफ़िकेट की अर्ज़ी दी गई थी। आमिर ने कहा कि उनकी फ़िल्म को अच्छी शुरुआती सफलता मिली है और अपने पहले तीन दिनों में ही इसने 26 करोड़ का बिज़नेस कर लिया है.

International News inextlive from World News Desk