ऐसी है जानकारी
फिल्म निर्माता निर्देशक राजकुमार हिरानी, लेखक अभिजीत जोशी व सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सेमसन की ओर से वकील पत्र पेश हुए हैं। वहीं कोर्ट का आदेश है कि अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। परिवादी लालजी गौर ने 26 दिसंबर 2014 को एडवोकेट मुकेश देवल के माध्यम से जिला कोर्ट में परिवाद पेश किया था। इसमें फिल्म पीके के अभिनेता आमिर खान सहित अन्य पर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने की धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी।
वकील ने किया वकालतनामा पेश
23 सिंतबर 2015 को परिवाद खारिज हुआ। तब परिवादी ने सत्र न्यायालय में रिविजन दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए आमिर खान सहित अन्य को नोटिस जारी किया गया और उन्हें उपस्थित होने को कहा था। वकील देवल का कहना है कि चारों पक्षकारों को नोटिस तामील हो चुके हैं। आमिर के वकील विकास राठी ने वकालातनामा पेश किया है।
परिवाद में कहा गया
उन्होंने बताया कि एक फिल्म की शूटिंग के दौरान आमिर खान घायल हो गए, इसलिए कोर्ट में हाजिरी नहीं दे पाए। बता दें कि परिवाद में कहा गया है कि फिल्म 'पीके' में 'जो डर गया वो मंदिर गया' डायलॉग बोला गया। फिल्म में आमिर खान को भगवान का मंदिर बनाकर व्यापार करते हुए दिखाया गया है। फिल्म में भगवान का उपहास करते हुए उनके प्रति मिसिंग, गलत कॉल जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं।
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