RANCHI: आयुष्मान भारत के नाम पर अस्पतालों में भारी दलाली का खेल चल रहा है। कल्याण योजना का फार्म भरने और डाक्टरों से मरीज की मुलाकात कराने के नाम पर सरकारी अस्पतालों में सक्रिय दलालों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों से रुपए वसूले जा रहे हैं। दलालों का दावा है कि उनकी अस्पताल प्रबंधन में जबरदस्त पकड़ है और उनके कहने पर ही डाक्टर इलाज करेंगे तथा मरीज को आयुष्मान भारत का लाभ प्राप्त हो पाएगा। इसके लिए प्रत्येक मरीज से 400 रुपए से लेकर 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इस मामले की जानकारी रिम्स प्रबंधन को भी मिली है जिसके बाद अस्पतालों में सावधानी के बोर्ड लगाए जा रहे हैं।

दलालों से सावधान के लगे बोर्ड

रिम्स प्रबंधन को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थी कि आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों से रुपए वसूले जा रहे हैं। इसको देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल में कई स्थानों पर दलालों से सावधान के बोर्ड लगाए हैं और किसी भी हालत में रुपए नहीं देने की बात कही है।

निदेशक तक का नंबर जारी

इस बोर्ड में निदेशक से लेकर चिकित्सा पदाधिकारियों तक का नम्बर सार्वजनिक किया गया है। मंशा साफ है कि यदि कोई भी व्यक्ति आयुष्मान भारत का फार्म भरने या इलाज कराने के नाम पर रुपए मांगता है तो उसे पैसे नहीं दिए जाएं। इसकी सूचना तत्काल अधिकारियों को दी जाए।

डीजे आईनेक्स्ट ने किया था लेटलतीफी का खुलासा

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कुछ दिनों पहले ही रिम्स में चल रही लेटलतीफी और लापरवाही की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यह ख्रुलासा किया गया था कि लोगों को इतना दौड़ाया जा रहा है कि लोग पैसा देकर भी इलाज कराने को तैयार हैं। अस्पताल में सक्रिय दलालों द्वारा लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। उनसे फार्म भरने और डाक्टरों से इलाज कराने के नाम पर रुपए मांगे जा रहे हैं।

वर्जन

आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के कई कोनों से लोग आ रहे हैं। ऐसे में भीड़ बढ़ना स्वभाविक है। इसका कोई भी गलत फायदा न उठा पाए और लोगों से राशि न वसूली जाए इसको ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। प्रबंधन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि किसी भी कार्य के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा और जो भी शुल्क लिया जाता है उसकी प्राप्ति रशीद भी दे जाती है।

-डॉ। दिनेश कुमार सिंह, डायरेक्टर, रिम्स