सुप्रीम कोर्ट ने माना आवश्यक उपकरण

देश भर में हर साल रोड एक्सीडेंट में लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। गोरखपुर शहर में भी रोड एक्सीडेंट में मरने वालों का आंकड़ा सालाना हजारों में है। इन घटनाओं के पीछे ड्राइविंग के दौरान सिक्योरिटी मेजर्स को फॉलो न करना ही है। सुप्रीम कोर्ट ने हेलमेट को टू व्हीलर का आवश्यक उपकरण माना है और इसीलिए इसे बाइक के साथ ही बिक्री का आदेश दिया है।

हेलमेट नहीं, तो रजिस्टे्रशन नहीं

सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के कंप्लायंस में आरटीओ ने वेडनसडे को सभी शोरूम को निर्देश जारी किया कि सभी टू व्हीलर्स के साथ हेलमेट की बिक्री अनिवार्य करें। आरटीओ लक्ष्मीकांत मिश्रा के अनुसार, अक्सर लोग बाइक के साथ हेलमेट की खरीदारी नहीं करते। शोरूम में हेलमेट भी अवेलबल होने से लोगों को सहूलियत होगी। आरटीओ ने बताया कि जिन नई गाडिय़ों के साथ हेलमेट परचेजिंग की रसीद नहीं होगी, उनका रजिस्टे्रशन नहीं किया जाएगा।

नहीं ले सकेंगे मनमाना दाम

आरटीओ लक्ष्मीकांत ने बताया कि सभी टू व्हीलर शोरूम ओनर्स को अपने स्टोर में मौजूद सभी प्रकार के आईएसआई मार्क वाले हेलमेट का ओरिजनल रेट प्रदर्शित करना जरूरी होगा। मार्केट में 300 से लेकर 4000 रुपए तक के हेलमेट अवेलबल हैं, लेकिन शोरूम से अपेक्षा की जाती है कि वे हेलमेट की बिक्री पर मुनाफा नहीं लेंगे।

हर साल बिकते हैं 50 हजार टू व्हीलर

शहर में विभिन्न टू व्हीलर कंपनियों के एक दर्जन से ज्यादा शोरूम हैं, जहां से हर साल 40 से 50 हजार तक टू व्हीलर बिकते हैं। ब्रिज ऑटोमोबाइल के प्रोपराइटर अजय गुप्ता ने बताया कि बाइक की खरीदारी करने आने वाले ज्यादातर लोग हेलमेट की डिमांड नहीं करते। ऐसे में किसी पर दबाव डालना भी ठीक नहीं होता। चूंकि शोरूम में हेलमेट की डिमांड नहीं होती, इसलिए हेलमेट नहीं रखा जाता। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शोरूम में हेलमेट जरूर रखा जाएगा। उधर, पार्क रोड स्थित यामहा शोरूम से पता चला कि उनके यहां हेलमेट तो अवेलबल हैं, लेकिन लोग ही इंट्रेस्ट नहीं लेते।