- कई बार मेरठ आए थे पूर्व राष्ट्रपति कलाम

- छह मार्च 2014 को अंतिम बार आए थे मेरठ

Meerut: पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके आकस्मिक निधन की सूचना से जहां पूरा विश्व अवाक रहा। वहीं मेरठ में भी इस सूचना से शोक की लहर दौड़ गई। मेरठ में कई बार आए डॉ। कलाम लोगों ने इस आत्मीयता से मिले थे कि उनके साथ गुजारे पल को याद करने के बाद भावुक हो रहे हैं।

स्टूडेंट्स पर छोड़ी छाप

डॉ। कलाम मेरठ में कई बार आए, जहां स्कूल, कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय में और कई सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। बड़े से लेकर बच्चें से बात करते हुए उन्होंने देश को आगे बढ़ाने वाले विजन की चर्चा करते रहे। मेरठ में अंतिम बार छह मार्च 2014 को पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर भारत रत्न कलाम साहब आए थे। जहां उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बकौल मुख्य अतिथि शामिल हुए।

युवाओं में भरा जोश

बाद में राधा गोविंद इंजीनिय¨रग कॉलेज में गए। दोनों जगह उन्होंने युवाओं में जोश भरा। अपने विजन से रूबरू कराया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा था कि वायुयान, बल्व, रेडियम, टेलीफोन आदि तमाम आविष्कारों को करने वालों के मन में हर समय कुछ नया करने की भूख रही। उन्होंने देश में भ्रष्टाचार को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए युवा शक्ति का आह्वान किया था कि वह उसे रोकने के लिए आगे आए।

सफलता के मूल मंत्र

मेरठ में आए छात्र छात्राओं को प्रेरित करते हुए डॉ। कलाम ने कहा था कि चार चीजें हैं जिससे व्यक्ति सफलता की कहानी लिख सकता है।

1- लक्ष्य बड़ा और महान होना चाहिए, छोटा नहीं।

2- जिसे च्च्छी किताबों, च्च्छे गुरु, च्च्छे परिवेश से हासिल करना चाहिए।

3- परिश्रम इतना करों की असफलता के लिए कोई जगह न रहे।

4- समस्याओं से घबराकर भागों नहीं बल्कि डटकर उसका मुकाबला करों जिससे समस्या खुद परास्त हो जाए।