- 24 घंटे में कम हुआ गंगा का जलस्तर

- यमुना में अभी भी उफान जारी, उत्तराखंड में फिर जोरदार बारिश की चेतावनी

<- ख्ब् घंटे में कम हुआ गंगा का जलस्तर

- यमुना में अभी भी उफान जारी, उत्तराखंड में फिर जोरदार बारिश की चेतावनी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: पहाड़ों में होने वाली बारिश से यहां के हालात नाजुक बने हुए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है। हालांकि बीते ख्ब् घंटे में गंगा का पानी जरूर कम हुआ है लेकिन यमुना में बढ़त बनी हुई है। जिससे कछार के इलाकों पर प्रशासन ने अपनी मॉनीटरिंग जारी रखी है। उधर, डीएम ने संबंधित विभागों को तैयार रहने के आदेश दे दिए हैं।

क्9 सेंटीमीटर घटा गंगा का जलस्तर, यमुना में हल्की बढ़त

सोमवार के मुकाबले मंगलवार को गंगा के जलस्तर में क्9 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। वहीं यमुना में एक सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ गया। गंगा का पानी कम होने से प्रशासन ने राहत की सांस जरूर ली है लेकिन निगाहें चौकन्नी रखी हैं। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड इकाई के अधिशासी अभियंता राजेश यादव ने बताया कि दोनों नदियों के जलस्तर की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग के कंट्रोल से लगातार संपर्क बना हुआ है।

उत्तराखंड में फिर भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने एक बार फिर उत्तराखंड में अगले ब्8 घंटों में जोरदार बारिश की चेतावनी दी है। जिससे गंगा के जलस्तर में उफान की संभावना जताई जा रही है। वहीं उत्तराखंड में ख्, ब्, भ्, 9 और क्0 अगस्त को भी तेज बारिश की भविष्यवाणी की गई है। संभावनाओं के मुताबिक बारिश हुई तो गंगा का बढ़ा पानी निश्चित तौर पर मैदानी इलाकों में कहर बरपाएगा। बता दें कि पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते टिहरी से भारी मात्रा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जो कुछ दिनों में इलाहाबाद पहुंच जाएगा।

तो इस बार फिर डूबेगा एसटीपी?

पिछले साल रिंग बांध ढह जाने से सलोरी एसटीपी में भारी तबाही हुई थी। साथ ही गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से नदियों का पानी स्लूज गेट से होकर शहर में घुस गया था। इस बार खतरे से बचने के लिए क्म् मई से बांध को पक्का करने का काम शुरू हुआ था जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अभी इसे पूरा होने में एक महीने का समय और लग सकता है। इस बीच अगर दोनों नदियों ने पुराना रुख अख्तियार किया तो शहर के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

इनको रहना होगा अलर्ट

भले ही प्रशासन का मानना हो कि नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी दूर है, बावजूद इसके बाढ़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो सलोरी, बघाड़ा, ओम गायत्री नगर, गऊघाट, दरियाबाद, करेली सहित दर्जनों कछारी इलाकों में पानी तबाही मचा सकता है।

मंगलवार का जलस्तर

फाफामऊ- 78.ब्भ् मीटर

छतनाग- 7भ्.ख्क् मीटर

नैनी- 7भ्.77 मीटर

खतरे का निशान- 8ब्.79 मीटर