PATNA: वर्ष ख्0क्क् में आयोजित टीईटी परीक्षा में शामिल अपीयरिंग अभ्यर्थियों का रिजल्ट रद्द कर दिया गया है। इसमें सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्कूल के शिक्षक शामिल थे। अपीयरिंग का अर्थ है कि सेकेंड्री के लिए ग्रेजुएट और सीनियर सेकेंड्री के लिए पीजी पास होना जरूरी है। ऐसे में हजारों अभ्यर्थी प्रभावित होंगे जिन्हें तय नियम के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने दिया गया और अब अचानक से उन्हें अयोग्य बताया जा रहा है। इसकी शुरुआत पटना जिला से की गई है जो अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। रद्द की गई रिजल्ट की जानकारी पटना जिला के ऑफिसियल वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

कितने अभ्यर्थी होंगे प्रभावित

ख्0क्क् से अब तक चार चरणों में हुई टीईटी नियोजन प्रक्रिया के अंतर्गत करीब फ्ख् लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसमें से 70 हजार अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। सेकेंडरी और सीनियर सेकेंड्री को मिलाकर करीब क्ख् हजार अपीयरिंग हैं। समस्या यह है कि इसमें संबंधित सफल अपीयरिंग अभ्यर्थियों को स्कूल में तैनात करने के बाद अब उनका टीईटी का सर्टिफिकेट रद्द करने से ये सभी सकते में हैं।

सूची स्पष्ट नहीं है

हैरत की बात यह है कि जिस पटना जिला का टीईटी का रिजल्ट रद्द किया गया है उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर किस डेट से पहले तक को नोटिफाई माना जाए। उदाहरण के लिए टीईटी फॉर्म भरने की अंतिम तिथि ख्0 सितंबर, ख्0क्क् थी। यदि विश्वविद्यालय स्तर पर किसी वजह से देरी से रिजल्ट जारी हुआ तो क्या उसे योग्य माना जाएगा?

यह होनी चाहिए थी योग्यता

शिक्षा विभाग से के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने क्भ् सितंबर, ख्0क्क् से पहले तक तय योग्यता को पूरा कर लिया था, केवल उन्हें ही वर्तमान समय में योग्य माना जाएगा। इसके मुताबिक माध्यमिक के लिए ग्रेजुएशन में भ्0 प्रतिशत और बीएड होना चाहिए जबकि उच्चतर माध्यमिक में पीजी में भ्0 प्रतिशत के साथ बीएड होना चाहिए। हालांकि अपीयरिंग के संबंध में यह स्पष्ट नहीं किया गया है। जब आवेदन करने के समय में अपीयरिंग को छूट दी गई तो निश्चित तौर पर बाद में डिग्री मिलने पर उन्हें मान्य समझा जाना चाहिए। इसकी जानकारी कोई नहीं दे रहा है।

यह है पेंच

नई लिस्ट जारी करने के संबंध में शिक्षक नियोजन नियुक्ति नियमावली के नियम आठ क और ख में वर्णित है कि जो टीईटी परीक्षा में वे ही अभ्यर्थी शामिल होंगे जो कि पहले से योग्यता प्राप्त हैं। लेकिन यह नियम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सूचना बुलेटिन के अनुसार है, न कि शिक्षा विभाग के नियोजन प्रक्रिया के अनुसार। अभ्यर्थी यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर किसे दोषी मानें, शिक्षा विभाग या बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को?

केस स्टडी

- गुंजन कुमारी, जिला सहरसा। इस अभ्यर्थी का बीएड ख्क् दिसंबर, ख्0क्क् का है। जबकि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि क्भ् सितंबर, ख्0क्क् थी। टीईटी परीक्षा में इनका चयन उच्चतर माध्यमिक शिक्षा संवर्ग में किया गया था ।

छविंदर कुमार मेहता, जिला मधेपुरा। इस अपीयरिंग कैंडिडेट का चयन उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के स्कूल में किया गया था। इनका रिजल्ट एक अक्टूबर, ख्0क्क् को आया था। इन्हें भी मधेपुरा के एक स्कूल में ज्वाइनिंग दी गई थी।

दीनानाथ सिंह, आरा। इनका चयन आरा में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के स्कूल में किया गया। अब जब इनका रिजल्ट रद्द किया गया है तो परेशान है। अन्य अपीयरिंग अभ्यर्थियों की तरह उन्हें भी यह पता नहीं कि योग्यता पूरा करने के लिए कौन सी तारीख से यह मान्य होगा।

प्रफुल्ल कुमार, विषय राजनीति शास्त्र। सर्टिफिकेट में इन्होंने बीए और पीजी का जिक्र किया है। पीजी की सर्टिफिकेट इन्होंने ख्0क्भ् में प्राप्त की। लेकिन रिमा‌र्क्स में बीएड सर्टिफिकेट अटैच नही होने की बात बतायी गई। जबकि इन्हें भी स्कूल में जवाइनिंग दे दी गई थी।

टीईटी परीक्षा पर एक नजर

- ख्0क्क् से ख्0क्म् तक चार चरणों में हुई परीक्षा

- कुल कितने अभ्यर्थी थे आवेदक- फ्ख् लाख

- कितने चयनित - करीब 70 हजार

- कितने हैं अपीयरिंग - क्ख् हजार

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पूरी प्रकिया पर और जानकारी ली जा रही है। नई लिस्ट में अपीयरिंग अभ्यर्थी शामिल नहीं है।

- अजय कुमार ,सचिव नियोजन इकाई