* पति रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद जल्द कानपुर आना चाहती हैं सवितातहे दिल से बधाई देती

राष्ट्रपति पद के लिए जब कोविंद ने नामांकन किया तो सहज ही समझा जा सकता है कि सविता की खुशियों का पारावार क्या रहा होगा। मगर, कोविंद को धैर्य, संयम और संतोष की मूर्ति बताने वाली उनकी अद्र्धांगिनी इस गुण में उनकी पक्की साझेदार महसूस हुईं। जाहिर खुशी में सिर्फ एक अहम बात कि पति के साथ जल्द कानपुर आना है। कानपुर निवासी रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया। खुशियों के इन अहम क्षणों में 'जागरण' ने उनकी पत्नी सविता कोविंद से फोन पर बातचीत की। बधाई स्वीकार करते ही वह लगे हाथ कानपुर वालों को भी तहे दिल से बधाई देती हैं।

रामनाथ कोविंद की पत्‍नी सविता बोलीं,'दिमाग में दिल्ली,दिल में है कानपुर'

संयम और संतोष की मूर्ति

इस उपलब्धि के अहसासों के बावत पूछने पर उनकी आवाज तो असीम खुशी का भान कराती है, लेकिन शब्द उन्हें समेटने की जुगत में लग जाते हैं। कहती हैं कि हां, खुशी है। सभी लोगों की दुआएं हैं। भगवान के आशीर्वाद से ही कोविंद जी दो बार राज्यसभा सांसद रहे, बिहार के राज्यपाल बने और अब यह मौका मिला है। क्या आपने कभी सोचा था कि आपके पति राष्ट्रपति जैसे ओहदे तक पहुंचेंगे? इस पर वह बोलीं- नहीं, मैंने या मेरे पति ने कभी कोई बड़ी हसरत पाली ही नहीं, जो मिलता गया, उसे खुशी से स्वीकार करते गए। पति के सबसे खास गुण के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि वह धैर्य, संयम और संतोष की मूर्ति हैं। उनके साथ रहते-रहते मैं भी उनसे यह सीखती जा रही हूं।

मीलों पैदल चलकर क ख ग.. सीखने जाते थे रामनाथ कोविंद!

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